#MeToo कैम्पेन में आया केंद्रीय मंत्री का नाम, बचाव में उतरे भाजपा सांसद

#MeToo कैम्पेन की मदद से भारत में महिलाएं अपने साथ अतीत में हुई यौन शोषण की घटनाओं का सोशल मीडिया की मदद से जमकर खुलासा कर रही है। अभी तक हमने इस कैम्पेन से जुड़े जितने भी मामले सुने है उनमें केवल बॉलीवुड सितारों के नाम आया है लेकिन अब यह राजनीति में भी पहुंच गया है। इसका शिकार हुए हैं केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर। मंत्री पर दो महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है।

बता दें कि अकबर कई अखबार और पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। साल 2017 में एक महिला पत्रकार ने बताया था कि उसके बॉस ने उसे होटल के कमरे में जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया था। प्रिया रमानी नाम की एक महिला ने ट्वीट किया है कि एमजे अकबर ने होटल रूम में इंटरव्यू के दौरान कई महिला पत्रकारों के साथ आपत्तिजनक हरकतें की हैं।


केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी #MeToo अभियान को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस अभियान पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे भारत में महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला है। मेनका गांधी ने कानून मंत्रालय से कहा है कि बाल यौन उत्पीड़न के लिए तय आयुसीमा हटाई जाए ताकि 10-15 साल बाद भी लोग ऐसे मामलों की शिकायत कर सकें। बॉलीवुड में भी #Metoo मूमेंट के बाद एक के बाद एक कई बड़े नामों के काले कारनामे सामने आ रहे हैं।

बचाव में आये लोकसभा सांसद उदित राज

एमजे अकबर के बचाव में अब भाजपा के लोकसभा सांसद उदित राज उतरे हैं। सांसद उदित राज ने चौंकाने वाली राय बयां की है। उन्होंने इस कैंपेनिंग को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कैंपेन के तहत लग रहे आरोपों को गलत प्रथा की शुरुआत करार दिया है। सांसद के मुताबिक लंबे अरसे के बाद आरोप लगाने के बाद उसकी सत्यता की जांच कैसे होगी। झूठे आरोपों से किसी की छवि को नुकसान भी पहुंच सकता है।

बीजेपी सांसद उदित राज ने ट्वीट करते हुए कहा #MeToo कैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगी?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा, उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है। गलत प्रथा की शुरुआत है।

बता दें हार्वे विन्सिटन ऑफ द वर्ल्ड नाम से लिखे पोस्ट में कहा गया है कि अकबर ने होटल के एक कमरे में उनका इंटरव्यू लिया था। साथ ही उन्होंने शराब भी ऑफर की। अकबर ने महिला पत्रकार को बिस्तर पर उनके पास बैठने को भी कहा था। महिला का कहना है कि वह अश्लील फोन कॉल्स, मैसेज और असहज टिप्पणी करने में माहिर हैं।

महिला ने लिखा है कि कई युवा महिलाएं उनकी गलत हरकतों की भुक्तभोगी हैं। लेख के प्रकाशन के समय आरोपी का नाम नहीं दिया गया था। अब बताया गया कि वे एमजे अकबर हैं।

प्रिया रमानी नाम की महिला ने ट्वीट में इस आरोप को प्रमाणित करते हुए कहा है कि वह भी उनकी गलत हरकत की शिकार हुई। उसके साथ मुंबई के एक होटल में आपत्तिजनक हरकत की गई। वहीं शुमा राहा नाम की महिला ने ट्वीट में कहा, उसके साथ 1995 में ताज बंगाल होटल, कोलकाता में एमजे अकबर ने गलत हरकती की। उनकी गलत हरकत के विरोध में उसने नौकरी करने से इंकार कर दिया। इस ट्वीट के बाद कई अन्य महिला पत्रकारों ने भी आरोप का समर्थन किया।

इस मामले पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा है कि ये गंभीर आरोप हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। अब सवाल ये है कि क्या अकबर सामने आकर इस पर सफाई देंगे। बता दें इस कैंपेन पर महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी खुशी जाहिर की थी और कहा कि इससे महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिल रहा है।