म्यांमार : प्रदर्शन में दिखा आंखें नम कर देने वाला नजारा, घुटनों के बल बैठी नन बोली- उन्हें नहीं, मुझे मारो

म्यांमार में तख्ता पलट के बाद लगातार प्रदर्शन किया जा रहा हैं। म्यांमार में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ देश की सड़कों पर बड़ी संख्या में प्रदर्शन जारी है। सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लगातार ताकत का का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक की सड़कों पर मौजूद लोगों पर सीधे गोली चलाई जा रही है। अब तक देश में 67 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच आंखें नम कर देने वाला नजारा देखने को मिला जिसमें उत्तरी म्यांमार सिटी में सिस्टर ऐन रोजे नु तवंग की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें वे घुटनों के बल बिना किसी डर के बैठीं हैं और सामने हथियार लेकर सेना खड़ी है, जबकि उनके पीछे प्रदर्शनकारियों की भीड़ है। इस तस्वीर में सिस्टर इन हथियारबंद पुलिस अधिकारियों से कह रही हैं कि ये बच्चे हैं इन्हें छोड़ दो, भले ही इनके बदले मेरी जान ले लीजिए।

सिस्टर ऐन रोजे एक कैथोलिक नन हैं और उन्हें पता है कि इन सुरक्षाकर्मियों के आगे उन्हें क्या करना है। सफेद रोब और काले हैबिट में हाथ फैलाये सिस्टर रोजा बैठ गईं सड़क के बीचों-बीच और गोली न चलाने की गुहार करने लगीं। म्यांमार में तख्तापलट के बाद से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कई प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। सोमवार को भी दो जानें चली गईं और ऐसे में सिस्टर रोजा का मकसद एक ही था, बिना अपनी जान की चिंता किए कई जिंदगियां बचाना। इत्तेफाक से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ली गई उनकी यह तस्वीर एक मिसाल बनकर उभरी है।

सोमवार को जब अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी की तो ऐन रोजे अपनी जान की परवाह किए बिना उनके सामने पहुंच गईं। उन्होंने कहा, यदि आपको यह करना है तो मुझसे गुजरकर जाना पड़ेगा। सिस्टर रोजे ने स्काई न्यूज को बताया कि दोपहर 12 बजे सुरक्षाबलों ने कार्रवाई की तो मैंने उनसे प्रार्थना की कि लोगों को गोली न मारें, गिरफ्तार न करें।

सिस्टर रोजे के घुटनों के बल बैठने के बाद भी आंसू गैस चलाई गई और इससे उनकी तबीयत खराब होने लगी। तभी एक शख्स को गोली मार दी गई। उन्होंने बताया कि वह देख नहीं पाईं कि किसने गोली चलाई, लेकिन उम्मीद की कि उन अधिकारियों ने नहीं चलाई होगी जिनसे उन्होंने बात की थी।