ईरान ने किया जंग का ऐलान, बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला, 5 लोग घायल, मस्जिद पर फहराया लाल झंडा

ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। ईरान ने युद्ध का ऐलान कर दिया है। शनिवार सुबह ईरान ने जामकरन मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराकर युद्ध के लिए अलर्ट किया है। वहीं, इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला किया गया है। अमेरिकी दूतावास के भीतर रॉकेट दागे जाने के बाद अफरा-तफरी मच गई। ईराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर तीन रॉकेट से हमला किया गया है। माना जा रहा है कि ये हमला ईरान की ओर से किया गया है। हालांकि अभी ये हमला किसने किया, इसकी पुष्‍टि नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि तीन रॉकेट से हमला किया गया। अमेरिकी दूतावास के पास की सड़क को बंद कर दिया गया। अमेरिकी दूतावास के नजदीक और अमेरिकी एयरबेस पर ये हमला हुआ। दो रॉकेट दूतावास के नजदीक गिरे। इस हमले के बाद बगदाद में आसमान पर अमेरिकी विमान उड़ने लगे। अमेरिकी दूतावास पर यह हमला उस समय हुआ है, जब अमेरिका ने ईरान के टॉप कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को एयर स्ट्राइक में मार गिराया है। अमेरिकी सेना ने एक दिन पहले ही ईरानी सेना के टॉप कमांडर सुलेमानी की एक हमले में हत्‍या कर दी थी। इसके बाद ईरान ने चेतावनी दी थी कि वह अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम इसका बदला लेंगे। इसके कुछ घंटों बाद ही अमेरिकी दूतावास पर हमला बोल दिया गया। इस हमले में 5 रॉकेट दागे गए। रूस की एजेंसी स्‍पूतनिक के अनुसार, इस हमले में 5 लोगों के घायल होने की खबर है। अमेरिकी दूतावास को खाली करा लिया गया है।

कासिम सुलेमानी की हत्‍या के बाद पहले से ही तनाव में चल रहे ईरान और अमेरिका के रिश्‍ते काफी खराब हो गए। इससे पहले ईरान की प्रमुख मस्‍जिद पर लाल झंडा लहराते ही इस बात पर मुहर लग गई थी कि अब युद्ध की स्‍थिति बन गई है। बता दें कि ऐसे हालात में लाल झंडा फहराने का मतलब होता है कि युद्ध के लिए तैयार रहें या युद्ध शुरू हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है, जब ईरान ने इस तरह से मस्जिद पर लाल झंडा फहराया है।

कोम स्थित जामकरन मस्जिद के डोम पर आमतौर पर धार्मिक झंडे फहराए जाते हैं। ऐसे में धार्मिक झंडे को हटाकर लाल झंडा फहराने का मतलब युद्ध के ऐलान के रूप में लिया जा रहा है, क्योंकि लाल झंडे का मतलब दुख जताना नहीं होता है। जाहिर है कि ईरान अपने देशवासियों को उस स्थिति के लिए तैयार रहने को कह रहा है, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है। हालांकि ईरान और इराक के बीच युद्ध के दौरान भी लाल झंडा नहीं फहराया गया था। लाल झंडा खून और शहादत का प्रतीक माना जाता है। ताजा हालात में इसका प्रयोग सुलेमानी ईरान के लिए बदले के तौर पर किया जा रहा है, जिसके लिए उन्हें शहादत के लिए तैयार किया जा रहा है। जामकारन मस्जिद को ईरान का सबसे पवित्र मस्जिद माना जाता है और यहां के युवाओं पर इसका काफी प्रभाव है।