प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा केडर के अधिकारियों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार केडर की समीक्षा के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजेगी।
यह निर्णय गुरूवार को यहां शासन सचिवालय में राजस्थान प्रशासनिक सेवा सम्बन्धित विभिन्न लम्बित बिन्दुओं पर विचार-विमर्श के लिए मुख्य सचिव, श्री एन.सी. गोयल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया।
प्रदेश में पहली बार राजस्थान प्रशासनिक सेवा सम्बन्धित लम्बित बिन्दुओं पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के अध्यक्ष श्री पवन अरोड़ा की पहल पर राज्य सरकार द्वारा लगभग डेढ़ घण्टे तक चली बैठक में विचार-विमर्श कर निर्णय लिये गये। बैठक में राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य रूप से जिन बिन्दुओं पर निर्णय लिया गया उनमें प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा केडर के अधिकारियों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार केडर की समीक्षा के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजेगी। वर्तमान में समान भौगोलिक क्षेत्र वाले अन्य राज्यों में राजस्थान से अधिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। इनके बढ़ोत्तरी होने से विकास कार्यो को गति मिलेगी एवं आमजन को राहत प्राप्त हो सकेगी।
राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं की सुपर टाईम वेतन श्रृंखला में कोई पद रिक्त नहीं रहे। इसे देखते हुए सुपर टाईम वेतन श्रृंखला में पदोन्नति के लिए निर्धारित 18 वर्ष के अनुभव की बाध्यता में शिथिलता देने पर सहमति व्यक्त की गई। इसी प्रकार जूनीयर स्केल से सीनीयर स्केल पदोन्नति के लिए अनुभव की छूट में 45 प्रतिशत पद रिक्त होने की अनिवार्यता को समाप्त करने पर भी सहमति व्यक्त की गई है।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा की हायर सुपरटाईम स्केल की ग्रेड-पे 9500 से बढ़ाकर 10000 की जाने पर भी सहमति व्यक्त की गई। उक्त प्रकरण वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग की सहमति से वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में विचाराधीन है। प्रस्ताव पर स्वीकृती प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी।
आमजन को शीघ्र राहत पहुंचाने एवं काूनन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए प्रदेश के सभी उपखण्ड कार्यालयों को सशक्त बनाया जायेगा तथा वहॉ पर रिक्त सभी पदों को शीघ्र ही भरा जायेगा। उपखण्ड कार्यालयों में स्टेनों की उपलब्धता होने तक एक मैन विद मिशन (कम्यूटर विद ऑपरेटर) रखने की स्वीकृती प्रदान की गई। इसी प्रकार कानून व्यवस्था एवं विशेष अभियानों के दौरान उपखण्ड अधिकारियों को सुरक्षा के लिए गनमैन व कांस्टेबल उपलब्ध नहीं होते है। ऎसे में विशेष अभियान व कानून व्यवस्था के प्रकरणों के दौरान उपखण्ड अधिकारियों को सम्बन्धित थाना पर्याप्त जाप्ता एंव कांस्टेबल उपलब्ध करवायेंगे तथा सभी उपखण्ड कार्यालयों में उपखण्ड अधिकारियों को एक-एक होमगार्ड पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) के माध्यम से उपलब्ध करवाया जायेगा। यह होमगार्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पद के विरूद्ध लगाया जा सकेगा।
जिले में होने वाले विभिन्न कार्यो के निस्तारण एवं कर्मचारियों की कार्यक्षमता निर्धारण के लिए उपखण्ड अधिकारी जिलें में नियुक्ति अन्य विभागों के अधिकारियों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (एसीआर) में टिप्पणी अनिवार्य रूप से कर सकेंगे। बैठक में शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका नगर परिषदों में भू-परिवर्तन अधिकारी माईनर एक्ट के अधिकार एसीएम एवं एसडीएम को दिये जाने पर चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य रूप से अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, श्री डी.बी.गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व श्री खेमराज चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग श्री दीपक उप्रेती, सचिव कार्मिक विभाग श्री भास्कर सावंत, सचिव खाद्य विभाग श्रीमती मुग्धा सिन्हा उपस्थित थे।