अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बढ़ती मांग के बीच निर्मोही अखाड़ा के रामजी दास ने कहा कि मंदिर निर्माण की तिथि अगले वर्ष की शुरूआत में प्रयागराज कुंभ के दौरान घोषित की जाएगी। मंत्रोच्चार के बीच भक्तमाल की बगिया में धर्मसभा को संबोधित करते हुए रामजी दास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा 2019 के कुंभ के दौरान प्रयागराज में होगी। उन्होंने कहा ‘‘यह महज कुछ दिन की बात है इसलिए अनुरोध है कि आप कुछ धैर्य रखें।’’ राम भक्तों के विशाल समागम का आयोजन मंदिर निर्माण के बारे में चर्चा के लिए किया गया। वही दूसरी तरफ रविवार को मेरठ में आयोजित एक बैठक में शामिल मुस्लिम महिलाओं ने अयोध्या के मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श किया। बैठक के दौरान शाहीन ने कहा कि यह देश हमारा है, हम देश के मसलों को एकजुट होकर निपटाएंगे। इस मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने आह्वान करते हुए कहा कि कसम खुदा की खाते हैं मंदिर वही बनवाएंगे। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के लिए हमारा फर्ज बनता है कि हम अपने हिंदू भाई-बहनों को खुशी से राम मंदिर निर्माण के लिए सहमति दें। यह बैठक मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की सह संयोजक शाहीन परवेज के आवास पर हुई।
इस मामले में राष्ट्रीय एकता मिशन की कार्यकारिणी सदस्य सुबुही खान ने कहा श्रीराम मंदिर हमारी सनातन संस्कृति का प्रतीक है। हम लोग तन-मन-धन के साथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में सहयोग करेंगे। महिलाओं ने कहा राम मंदिर को लेकर मुस्लिम पुरुषों का रुख साफ नहीं है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विहिप की ओर से आयोजित धर्मसभा को लेकर नेपाल बार्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियां भी पूरी तरह से मुस्तैद हैं। वहीं, भारतीय पुलिस के साथ नेपाल में तैनात प्रहरी भी हर आने-जाने वाले लोगों की जांच कर रहे हैं। बता दें कि अयोध्या में आयोजित धर्मसभा में दो लाख से अधिक लोगों के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। यही वजह है कि यूपी के साथ बार्डर पर भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
साधु संतों ने एक सुर में मंदिर निर्माण पर जोर दिया। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्शाती है कि लोग राम मंदिर से कितनी गहरायी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम अदालतों का सम्मान करते हैं। हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत उम्मीदें हैं। 'मैं योगी आदित्यनाथ से आग्रह करता हूं कि वह राम मंदिर निर्माण का रास्ता तैयार करें।' धर्म सभा आयोजन स्थल पर हर जगह झंडे, बैनर, भगवा वस्त्र, साफा नजर आ रहा था। राम भक्तों ने अयोध्या की मिट्टी हाथ में लेकर राम मंदिर निर्माण की शपथ भी ली। धर्मगुरू रामभद्राचार्य ने कहा कि 23 नवंबर को केन्द्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के साथ चर्चा हुई। उन्होंने आश्वासन दिया है कि 11 दिसंबर को चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री साधु संतों के साथ बैठेंगे और ऐसा फैसला होगा जो राम मंदिर निर्माण का रास्ता खोलेगा। उन्होंने कहा ‘‘हमें यह भी बताया गया कि हमसे धोखाधड़ी नहीं की जाएगी। संसद के शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाया जा सकता है। हमें धैर्य रखना चाहिए। न्यायालय से हम निराश हो चुके हैं। जनता की अदालत हमें धोखा नहीं देगी।’’
इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि उन्हें मंदिर के लिये जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिये। राय ने कहा कि 'हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है। हमें (जमीन का) टुकड़ा नहीं चाहिये। राम मंदिर के लिये पूरी की पूरी भूमि चाहिये।' उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिन्दू का सपना है और यह हर हाल में बनकर रहेगा। राय ने हालांकि बंटवारे के किसी फार्मूले का खुलासा नहीं किया।