कुछ दिनों से फेसबुक द्वारा किए गए यूजर डाटा को लीक करने की खबरे सामने आ रही हैं। अमेरिका में सोशल नेटवर्किंग साइट ने अपने यूजर्स के डेटा को चुराकर एक एजेंसी को दिया था। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्रिटेन के ऑब्जर्वर की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी ने फेसबुक के पांच करोड़ यूजरों के बारे में जानकारियां बिना उनके अनुमति के दुरुपयोग किया। यह सब 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनवाने के लिए किया गया। कंपनी ने इन जानकारियों के आधार पर एक ऐप के जरिए वोटरों के व्यवहार की भविष्यवाणी की थी।
इस मामले में
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल मामले में गलती स्वीकार करते हुए कहा कि यह विश्वासघात का मामला है। जुकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि मै कैंब्रिज एनालिटिका को लेकर अपनी बात रखना चाहता हूं। हम इस दिशा में समस्याओं से निपटने के लिए जरुरी कदम उठा रहे हैं। मैं यह समझने की कोशिश की दिशा में काम कर रहा हूं कि असल में हुआ क्या और इसे दोबारा होने से कैसे रोका जाए?
उन्होंने ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि इसे रोकने के लिए जो जरुरी कदम हमने आज उठाए हैं, वे असल में कई वर्षों पहले ही उठा लेने चाहिए थे, हमने गलती की है, लेकिन अब इन्हें दोबारा होने से रोकने के लिए कमर कसने की जरुरत है।
जुकरबर्ग का कहना है कि कंपनी उन सभी एप की जांच करेगी, जिनके जरिए बड़ी मात्रा में जानकारियां हासिल की गईं। वह कहते हैं कि निजी जानकारियों का दुरुपयोग या उनसे छेड़छाड़ करने वालों डेवलपर्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके साथ ही संदिग्ध गतिविधियों वाले सभी एप की जांच की जाएगी।
भारत की राजनीति में हड़कंपइस खुलासे के बाद भारत की राजनीति में हड़कंप मच गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रशाद ने कांग्रेस पर कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी की सेवाएं लेने का आरोप लगाया है। प्रसाद का कहना है कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस इस एजेंसी की मदद ले रही है।