मंजू देवी उत्तर पश्चिम रेलवे में बतौर कुली काम करने वाली पहली महिला बन गईं हैं। जयपुर रेलवे स्टेशन पर काम करने वाली एकमात्र महिला कुली हैं। मंजू देवी घर की अकेली काम करने वाली हैं। पति की मौत के बाद वो मजबूरी में यह काम कर रही हैं। बच्चों के लिए उन्होंने कुली बनने का फैसला लिया। पति महादेव की मौत होने के बाद मंजू देवी ने कुली बनने का फैसला लिया। न तो उन्हें इस काम से शर्म आती है और न ही पैसेंजर के वजनी सामान उठाने में उन्हें कोई तकलीफ महसूस होती है। उनके पति भी कुली थे। उनका बिल्ला नंबर-15 लेकर काम करना शुरू कर दिया।
मंजू देवी ने ANI को बताया- ''पति की मौत के बाद मैं और मेरे तीन बच्चे बेसहारा हो गए थे। लेकिन मैंने हार नहीं मानी और स्टेशन पर कुली का काम करने लगीं। सभी कुली उनकी काफी मदद करते हैं।'' देशभर की 90 महिलाओं को अपनी अलग पहचान बनाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुरस्कृत किया था। ट्विटर ने भी मंजू के इस कार्य की सराहना की
- सोशल मीडिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म ट्विटर ने भी मंजू के इस कार्य की सराहना की है। ट्विटर ने कहा है कि मंजू देवी ने यह साबित कर दिखाया है कि सिर्फ पुरुषों के लिए सब काम नहीं बने हैं। भारत को ऐसी बहुत सी मंजू देवी की जरूरत है। पति की मौत के बाद मैं असहाय हो गई थी
- मंजू देवी ने बताया पति की मौत के बाद मैं असहाय हो गई थी। अपने साथ-साथ मुझे अपने तीन बच्चों की भी जिम्मेदारी संभालनी थी। मैं यहां आ गई और अपने पति की जगह काम करने की इच्छा जताई। लेकिन मैं हिंदी व अंग्रेजी नहीं समझ पाती थीं। ढोने वाला सामान भी काफी भारी होता था। लेकिन अब सबकुछ आसान लगता है। सभी लोगों ने मेरे इस काम में मेरी मदद की है।