मणिपुर हिंसा: NIA ने किया खुलासा, विदेशी उग्रवादियों ने रची थी हिंसा की साजिश

नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए के मुताबिक, मणिपुर हिंसा में म्यामांर और बांग्लादेश के उग्रवादी हथियार और गोला बारूद पहुंचा रहे हैं। एनआईए ने शनिवार को अलगाववादी समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक प्रशिक्षित सदस्य को गिरफ्तार किया है। NIA की जांच रिपोर्ट से ये पता चला है कि म्यांमार और बांग्लादेश स्थित उग्रवादी समूहों ने मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से यह साजिश रची है।

बांग्लादेश और म्यामांर से भारत के खिलाफ साजिश

एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि हमने मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए म्यांमार और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय साजिश से संबंधित मामले में सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने 19 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। गैंगटे को गिरफ्तारी के बाद दिल्ली लाया गया है और संबंधित अदालत में पेश किया जाएगा।


पीएलए ऑपरेटिव मोइरांगथेम ने किए कई खुलाले

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, 16 सितंबर को एनआईए ने कथित तौर पर छद्म वर्दी पहनने और एक इंसास राइफल, एक एसएलआर, दो 0.303 राइफल रखने के आरोप में इंफाल पूर्व में मैतेई मायेक स्कूल के पास कोंगा से पीएलए ऑपरेटिव मोइरांगथेम आनंद सिंह (45) को चार लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। और पत्रिकाएँ और गोला-बारूद। एक सूत्र ने कहा, लूटे गए हथियारों की आपूर्ति करने वाले आनंद सिंह ने पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए है। खुलासे के आधार पर जांच एजेंसी पूरी श्रृंखला का पता लगाने और लिंक करने के लिए राज्य में तलाशी ले रही है।



म्यांमार उग्रवादी संगठन कर रहा है भर्ती


एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि म्यांमार स्थित उग्रवादी संगठन मणिपुर में सुरक्षा बलों और विरोधी जातीय समूहों के सदस्यों पर हमले करने के लिए कार्यकर्ताओं की भर्ती कर रहे हैं। अब तक की जांच से पता चला है कि म्यांमार स्थित आतंकवादी संगठन मणिपुर में मौजूदा अशांति का फायदा उठाकर सुरक्षा बलों और विरोधी जातीय समूहों पर अधिक हमले करने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू), कैडरों और समर्थकों की भर्ती कर रहे हैं। इस उद्देश्य के लिए, म्यांमार स्थित नेतृत्व गैरकानूनी तरीकों से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक इकट्ठा कर रहा है, जिसमें सरकारी सुविधाओं और संसाधनों की लूट भी शामिल है।


हिंसा में अब तक 180 से अधिक की मौत


आपको बता दें कि मणिपुर में 3 मई को सबसे पहले जातीय हिंसा भड़की थी। राज्य में अब तक 180 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके है। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में लोग जख्मी भी हुए है। दरअसल, हिंसा की शुरुआत तब हुई, जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था।