चूरू। राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 पर आज सुबह एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें कार में सवार 6 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह सभी लोग एक जीप में सवार होकर झुंझुनूं में लगी चुनाव ड्यूटी पर जा रहे थे, जहाँ रास्ते में इनकी जीप चूरू जिले के सुजानगढ़ के पास काणूता से पहले खड़े ट्रक में पीछे से जा घुसी। दुर्घटना के वक्त हुए धमाके से ग्रामीणों की नींद खुली और जब वे घटनास्थल पर पहुँचे तो वहाँ का दृश्य देखकर दंग रह गए। पिचकी हुई जीप से पुलिस के जवानों के शव बड़ी मुश्किल से निकाले गए। सूरज उगने के साथ ही हादसे में पुलिस के पांच जवानों की मौत की खबर चारों तरफ फैल गई।
चुनाव ड्यूटी पर झुंझुनूं जा रहे ये सभी हादसे की चपेट में आ गए। एक धड़ाम की आवाज ने इनकी जिंदगी खत्म कर दी। खींवसर थाने के एएसआई रामचंद (51), कांस्टेबल कुंभाराम (35), थानाराम (41), सुखराम (39), सुरेश मीणा (33) और हैड कांस्टेबल सुखराम खोजा (50) के साथ महिला थाने के महेंद्र कुमार मेघवाल (32) ड्यूटी के लिए झुंझुनूं जा रहे थे। चूरू जिले के सुजानगढ़ के पास काणूता से पहले खड़े ट्रक में इनकी जीप जा घुसी। इनकी मौत हो गई, जबकि हैड कांस्टेबल सुखराम खोजा जोधपुर में उपचाराधीन हैं।
घनघनाए फोन...मची भगदड़चूरू से इस संबंध में फोन आने के बाद नागौर पुलिस में हड़कंप मच गया। एसपी नारायण टोगस, नागौर सीओ ओमप्रकाश गोदारा, जायल सीओ सुनील कुमार झांझडिय़ा, खींवसर थाना प्रभारी सत्यनारायण समेत कई अफसर घटनास्थल के लिए रवाना हुए। इधर, एएसपी सुमित कुमार, मूण्डवा सीओ धन्नाराम, कोतवाली सीआई रमेंद्र सिंह हाड़ा आदि यहां घायल लाए हैड कांस्टेबल सुखराम खोजा व कांस्टेबल सुखराम के उपचार की व्यवस्था में जुट गए। इधर-उधर फोन घनघनाने शुरू हुए तो कुछ देर में जिला कलक्टर डॉ अमित यादव, एएसपी ताराचंद आदि भी जेएलएन अस्पताल पहुंच गए। उधर एएसआई रामचंद्र कांस्टेबल कुंभाराम, थानाराम, महेंद्र कुमार और सुरेश कुमार के शव जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाए गए। इनका यहीं पोस्टमार्टम हुआ।
पानी मांगते-मांगते तोड़ा दमहादसे में घायल हैड कांस्टेबल सुखराम खोजा व कांस्टेबल सुखराम को जेएलएन अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल किया गया तो कांस्टेबल सुखराम की हालत कुछ ठीक नजर आ रही थी। दर्द की छटपटाहट के बीच वो पानी के लिए गुहार करते दिखा। अस्पताल स्टाफ के साथ खड़े पुलिसकर्मियों के बीच उसने दो-तीन बार पानी मांगा, ऐसे में उसे पानी पिलाया जाना भी ठीक नहीं था। कुछ देर बाद ही सुखराम ने दम तोड़ दिया। उधर, हैड कांस्टेबल सुखराम को हालत बिगडऩे पर जोधपुर रेफर किया गया।
खुद रोने लगे पुलिसकर्मीहादसे में किसी का लाल छिना तो किसी का पति, किसी का पुत्र दुनिया से कूच कर गया तो किसी का पिता। जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी के सामने दहाड़ मारते परिजन कोस रहे थे अपनी बदनसीबी को। अपनों का साथ छूटने का गम यहां पसरा पड़ा था। कहीं बुजुर्ग पिता मृत बेटे को पुकार कर रो रहा था तो कहीं भाई अपने भाई के जाने से गमजदा भगवान से शिकायत करने में लगा था। खबर मिलने के बाद परिजनों के आने का सिलसिला शुरू हुआ तो यही सब नजर आया। यहां तैनात कई पुलिस अफसर तो इन परिजनों को संभालने में जुटे रहे। एएसपी ताराचंद, सीओ रवींद्र बोथरा, महिला थाना प्रभारी कन्हैया लाल, हैड कांस्टेबल द्रोपदी, शिवराम समेत कई पुलिसकर्मी रोते-कलपते परिजनों को समझाने में जुटे रहे। अपने को खोने की पीड़ा ऐसी थी कि कई परिजनों को बमुश्किल वहां से दूर कर बैठाया गया। लोगों को समझाने में जुटे पुलिसकर्मियों की आंखें भी कई बार गीली हो गई।
पुलिस लाइन में उमड़े लोग, दी गई सलामीहादसे की सूचना मिलने पर अजमेर रेंज की आईजी लता मनोज कुमार भी पुलिस लाइन पहुंचीं। पोस्टमार्टम के बाद मृतक पुलिसकर्मियों की पार्थिव देह यहां लाई गईं। यहां जवानों ने उनको सलामी दी। जिला कलक्टर डॉ अमित यादव, आईजी लता मनोज कुमार, एसपी नारायण टोगस, एएसपी सुमित कुमार, ताराचंद, सीओ ओमप्रकाश गोदारा, सुनील झांझडिय़ा, धन्नाराम, रवींद्र बोथरा, कोतवाली सीआई रमेंद्र सिंह हाड़ा, एएसआई महावीर सिंह समेत अनेक पुलिसकर्मियों के साथ मृतकों के परिजनों ने भी पार्थिव देह पर पुष्पांजलि दी। इसके बाद परिजन शवों को अपने-अपने गांव ले गए। वहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मृतकों में दो जोधपुर तो एक टोंक कामृतकों में कांस्टेबल महेंद्र कुमार और कुंभाराम जोधपुर ग्रामीण के खेड़पा के रहने वाले थे। एएसआई रामचंद्र और कांस्टेबल सुखराम गोटन तो थानाराम मेड़ता रोड और सुरेश कुमार मीणा निवाई टोंक का रहने वाला था। जबकि घायल हैड कांस्टेबल सुखराम खोजा पीलवा का रहने वाला है।