उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल विस्तार, भाई को मंत्री पद ने मिलने से संजय राउत नाराज!

महाराष्ट्र में सोमवार को उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। महाराष्‍ट्र में कैबिनेट विस्‍तार के साथ ही नाराजगी और बगावती सुर तेज हो गए हैं। उद्धव कैबिनेट विस्‍तार में संजय राउत के भाई और शिवसेना विधायक सुनील राउत को जगह नहीं मिली है। यही नहीं कैबिनेट में संजय राउत के करीबी विधायकों को भी जगह नहीं मिल सकी है। जिसकी वजह से कैबिनेट विस्तार के दौरान संजय राउत मौजूद नहीं थे, जिसके उनकी नाराजगी समझी जा सकती है। संजय राउत विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन बनाने के समर्थन में काफी मुखर रहे थे। ऐसे में संजय राउत के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित न होने से उनकी नाराजगी के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

राजनीति छोड़ने का लिया फैसला

वहीं, एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने बगावती रुख अख्तियार कर लिया है और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी भी कैबिनेट से नजरअंदाज किए जाने के चलते नाराज हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के करीबी प्रकाश शोलंके चार बार से विधायक हैं, लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इससे वो इस कदर खफा है कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का ही फैसला कर लिया है।

महाराष्ट्र के बीड जिले के मजलगांव सीट से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा और राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि वह राजनीति करने के लिए अयोग्य हैं। वो मंगलवार को दोपहर में विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना इस्तीफा देंगे। हालांकि उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि मेरे इस्‍तीफे का कैबिनेट विस्‍तार से कोई संबंध नहीं है।

आपको बता दे, संजय राउत के भाई सुनील राउत मुंबई के विक्रोली से विधायक हैं और सोमवार को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के मंत्रिपरिषद के विस्तार में मंत्री बनने के प्रबल दावेदार समझे जा रहे थे, लेकिन कैबिनेट विस्तार में उन्हें जगह नहीं मिल सकी है। संजय राउत ने अपने भाई को मंत्री न बनाए जाने को लेकर सार्वजनिक रूप से कोई नाराजगी जाहिर नहीं की है।

आपको बता दे, सुनील राउत के अलावा भी मंत्री के कई दावेदर पद न मिलने से नाराज माने जा रहे हैं। शिवसेना विधायक प्रताप सारनिक, तानाजी सावंत, सुनील प्रभु, रवींद्र वायकर, भास्कर जाधव और रामदास कदम भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे।

मंत्रिमंडल विस्तार में आमंत्रित नहीं करने पर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन महा विकास आघाड़ी की सहयोगी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन नेता राजू शेट्टी ने कहा कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए निस्वार्थ रूप से प्रयास करने वाले सभी सहयोगियों की अनदेखी की गई। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन पार्टी का एक विधायक हैं।

- पीडब्ल्यूपी की अध्यक्ष जयंत पाटिल भी नाराज हैं और उनकी पार्टी के एक विधायक हैं।

- बहुजन विकास आघाड़ी के अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर भी कैबिनेट में जगह न मिलने से खफा हैं। बहुजन विकास आघाड़ी के तीन विधायक चुनकर आए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी के साथ राजीव शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, जंयत पाटिल की पीडब्लूपी और हितेंद्र ठाकुर की बहुजन विकास आघाड़ी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसके बाद भी उन्हें महा विकास आघाड़ी सरकार में जगह नहीं मिल सकी है।

बता दे, उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे को कैबिनेट में जगह मिली है।