कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के मजबूरन पलायन के दंश और वहां उनपर हुए अत्याचार की पीड़ा पर आधारित विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पूरे देश में चर्चा में बनी हुई है। फिल्म कम समय में ही लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुकी है। लेकिन इस फिल्म को लेकर देश भर में बहस और हंगामा जारी है। एक ओर जहां इस फिल्म को लेकर अलग-अलग विचारधाराओं के बीच तीखी बहस चल रही है, वहीं अब भी इस फिल्म को लेकर थियेटर में दो गुटों के बीच हंगामा हो जाता है।
ताजा मामला महाराष्ट्र के नासिक का है जहां महिलाओं और थेयटर कर्मियों के बीच हंगामा हो गया। दरअसल, कुछ महिलाएं ग्रुप में फिल्म देखने आईं थीं। उन्होंने केसरिया दुपट्टा भी पहन रखी थी लेकिन महिलाओं को आरोप है कि थियेटर कर्मियों ने उन्हें दुपट्टा हटाने के लिए कहा। इसी बात पर हंगामा हो गया।
महिलाओं ने एएनआई को बताया कि सिनेमा हॉल में पहुंचने से पहले वहां के स्टाफ ने दुपट्टा हटाने के लिए कहा। दुपट्टे के साथ वे लोग सिनेमा के अंदर जाने नहीं देते थे। इसके बाद हंगामा हो गया।
एक महिला ने एएनआई से कहा, 'हम कुछ महिलाएं ग्रुप में द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखने पहुंचीं। हमारे पास कुछ और नहीं था तो हमलोगों ने अपनी पहचान के लिए केसरिया दुपट्टा पहनने का फैसला किया। इसके अलावा हमलोगों के पास कुछ नहीं था। लेकिन हमलोगों से दुपट्टा हटाने के लिए कहा गया। इसके बाद कहा कि जब तक दुपट्टा नहीं हटाएंगी तब तक सिनेमा हॉल के अंदर जाने नहीं दिया जाएगा। इसी बात को लेकर बहस हो गई।'
पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद चौहान ने बताया कि सिनेमा हॉल में कुछ विवाद जरूर हुआ लेकिन अब सबकुछ शांतिपूर्ण है।
बता दे, फिल्म 1990 के दशक की उस सच्ची घटना पर आधारित है जब कश्मीर घाटी में आतंकवाद पनप गया था और घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों से इस्लाम अपनाने, घाटी छोड़ने या मरने के लिए तैयार रहने का अल्टीमेटम दिया गया था। अगले पांच-सात सालों तक घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ कई दिल को दहला देने वाली घटनाएं हुईं। यह फिल्म 11 मार्च को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई है।