महाराष्ट्र: स्पीकर के लिए कांग्रेस ने चुना नाना पटोले का नाम तो BJP ने उतारा किशन कठोरे को

महाराष्ट्र (Maharashtra) में लंबी खींचतान के बाद शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस (Shiv Sena, NCP, Congress) गठबंधन की उद्धव ठाकरे सरकार को आज विधानसभा में विश्वासमत हासिल करना है। शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी। वही इससे पहले कांग्रेस ने स्पीकर के नाम का ऐलान कर दिया है। बालासाहेब थोराट के मुताबिक, सोनिया गांधी ने स्पीकर पद के लिए नाना पटोले का नाम फाइनल किया है। वही बीजेपी ने किशन कठोरे को अपना प्रत्याशी बनाया है।

बता दे, नाना पटोले ने 2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल को हराया था। हालाकि, बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी करते हुए बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस को ज्वाइन कर लिया था। इसके बाद कांग्रेस ने नाना पटोले को 2018 में किसान खेत मजदूर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। वही 2019 के लोकसभा चुनावों में नाना पटोले ने नितिन गडकरी के खिलाफ नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। फिलहाल, वह सकोली से विधायक हैं।

वही महाराष्ट्र में मंत्रालय के बंटवारे को लेकर शिवसेना, NCP और कांग्रेस के बीच सहमति बन गई है। एनसीपी के खाते में गृह, वित्त, पर्यावरण और वन मंत्रालय वही कांग्रेस को राजस्व, पीडब्लूडी और आबकारी विभाग मिल सकते है। वही शिवसेना को मुख्यमंत्री पद के अलावा शहरी विकास, हाउसिंग, सिंचाई, परिवहन मिल सकता है। हालांकि, अभी शिक्षा और उद्योग से जुड़े मंत्रालयों पर सहमति बन गई है।

बता दे, स्पीकर के चुनाव से पहले उद्धव सरकार का आज बहुमत परीक्षण होगा। बहुमत परीक्षण दोपहर 2 बजे होगा। प्रोटेम स्पीकर दिलीप वालसे पाटिल बहुमत परीक्षण कराएंगे। विधानसभा में विधायकों की गिनती के आधार पर बहुमत का फैसला होगा। बहुमत के लिए महा विकास अघाड़ी को 145 विधायकों की जरूरत है। हालांकि, तीनों दलों के पास कागजों पर साधारण बहुमत हासिल है। वहीं, पांच साल तक महाराष्‍ट्र में सरकार चलाने वाली BJP विपक्ष में बैठेगी।

बता दे, महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। ऐसे में बहुमत के लिए 145 विधायकों का पक्ष में होना जरूरी है। बता दें कि शिवसेना के पास 56 विधायक, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। सभी विधायकों की संख्या को मिला दिया जाए तो कुल 154 होते हैं, यानी बहुमत से 9 ज्यादा। हालांकि शिवसेना दावा कर रही है कि बहुमत के आंकड़े से वो कहीं ज्यादा है।

'महाराष्‍ट्र की मिट्टी में ढोंग और अहंकार नहीं चलने वाला'

वही आज एक बार फिर शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय के जरिये एक बार फिर से भाजपा पर हमला बोला है। सामना में शिवसेना ने लिखा कि महाराष्‍ट्र की मिट्टी में ढोंग और अहंकार नहीं चलने वाला है। शिवाजी महाराज के नाम पर शपथ लेते हैं, वचन लेते और देते हैं। इसके बावजूद उसे न निभाने वाले राजनेता के रूप में घूम रहे हैं। शिवसेना ने लिखा कि बीजेपी के नेता विधानसभा चुनाव में कहते थे कि शिवराय का आशीर्वाद सिर्फ उन्‍हें ही है। शिवाजी के वंशज उदयनराजे ने जैसे ही भाजपा में प्रवेश किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने कहा कि छत्रपति हमारे साथ हैं। इसके बावजूद उदयनराजे खुद चुनाव हार गए। यह पराजय छत्रपति के विचारों की नहीं, व्‍यक्ति की थी। शिवाजी महाराज का स्‍वामित्‍व किसी एक पार्टी के पास नहीं है। गुजरात में सरदार पटेल का ऊंचा स्‍मारक बनाया गया, लेकिन युगपुरुष शिवाजी महाराज का समुद्र में बनने वाले स्‍मारक के लिए एक ईंट भी नहीं रखी गई।