'सामना' के जरिये शिवसेना का BJP पर हमला, महाराष्‍ट्र की मिट्टी में ढोंग और अहंकार नहीं चलने देंगे

महाराष्‍ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपना कार्यभार संभाल लिया था। उद्धव ने कामकाज संभालने के साथ ही राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। पहले ही दिन उद्धव ने आरे कालोनी के पास मेट्रो के कामकाज को रोकने के आदेश दे दिए, जहां रातों-रात दो हजार पेड़ काट दिए गए थे। उद्धव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विकास संबंधी कार्यों को तुरंत शुरू करें और जनता के पैसे की बर्बादी के खिलाफ सतर्क रहें। पत्रकारों के साथ बातचीत में उद्धव ने अपने सरकार की प्राथमिकताएं बताईं। साथ ही पहले दिन उन्होंने क्या किया उसका भी ब्योरा दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई के आरे में मेट्रो शेड का काम रोक दिया गया है। हालांकि उन्होंने ये साफ किया कि मेट्रो लाइन काम जारी रहेगा।
2 बजे होगा शक्ति परीक्षण

वही आज शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस (Shiv Sena, NCP, Congress) गठबंधन की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार का आज विधानसभा (Maharashtra Assembly) में दोपहर 2 बजे शक्ति परीक्षण है। हालाकि, शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी।

'महाराष्‍ट्र की मिट्टी में ढोंग और अहंकार नहीं चलने वाला'

वही इससे पहले आज एक बार फिर शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय के जरिये एक बार फिर से भाजपा पर हमला बोला है। सामना में शिवसेना ने लिखा कि महाराष्‍ट्र की मिट्टी में ढोंग और अहंकार नहीं चलने वाला है। शिवाजी महाराज के नाम पर शपथ लेते हैं, वचन लेते और देते हैं। इसके बावजूद उसे न निभाने वाले राजनेता के रूप में घूम रहे हैं। शिवसेना ने लिखा कि बीजेपी के नेता विधानसभा चुनाव में कहते थे कि शिवराय का आशीर्वाद सिर्फ उन्‍हें ही है। शिवाजी के वंशज उदयनराजे ने जैसे ही भाजपा में प्रवेश किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने कहा कि छत्रपति हमारे साथ हैं। इसके बावजूद उदयनराजे खुद चुनाव हार गए। यह पराजय छत्रपति के विचारों की नहीं, व्‍यक्ति की थी। शिवाजी महाराज का स्‍वामित्‍व किसी एक पार्टी के पास नहीं है। गुजरात में सरदार पटेल का ऊंचा स्‍मारक बनाया गया, लेकिन युगपुरुष शिवाजी महाराज का समुद्र में बनने वाले स्‍मारक के लिए एक ईंट भी नहीं रखी गई।

दरअसल, महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से ही शिवसेना और बीजेपी में मुख्‍यमंत्री के पद को लेकर दरार आ गई है। शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर 50-50 फार्मूले पर बात कर रही थी वही बीजेपी इस पर राजी नहीं थी। जिसके बाद तीन दशक से भी पुराना बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन टूट गया और शिवसेना ने कांग्रेस और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ‍ मिलकर सरकार बना ली। उद्धव ठाकरे ने प्रदेश के मुख्‍यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके बावजूद बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने है। 'सामना' के संपादकीय के जरिये बीजेपी पर लगातार हमला बोला जा रहा है।

इससे पहले गुरुवार को उद्धव की शपथ से पहले महाराष्ट्र में तीनों पार्टियों का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम फाइनल हुआ। इसमें जनता से जुड़े कई अहम बातों पर जोर दिया गया है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में किसानों, बेरोजगारों और आर्थिक आधार पर कमजोरों के लिए कई अहम ऐलान किए गए हैं।

क्या-क्या हुए ऐलान?

- आम आदमी को पूरे राज्य में 10 रुपये में भर पेट खाना मुहैया करवाया जाएगा

- तहसील स्तर पर 1 रुपये में इलाज के लिए क्लीनिक खोले जाएंगे

- किसानों का कर्ज तुरंत माफ किया जाएगा, फसल बीमा योजना पर फिर से विचार किया जाएगा

- आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को जीरो इंट्रेस्ट रेट पर एजुकेशन लोन दिया जाएगा,

- राज्य सरकार में खाली पदों पर फौरन भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और कानून बनाकर राज्य के युवाओं को 80 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा