महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर शिवसेना ने सरकार का गठन तो कर लिया लेकिन पार्टी लगातार बीजेपी पर हमला बोल रही है। शिवसेना ने दवाइयों की कीमतें बढ़ाने को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना (Shiv Sena) ने मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय के जरिये केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणी की है। सामना' में लिखा गया, 'डायबिटीज, हेपिटाइटिस-B, C और कैंसर की दवाइयां भी महंगी हो गई हैं। बीसीजी का टीका छोटे बच्चों को लगाना आवश्यक होता है। महंगी हुई दवाइयों में एलर्जी, सर्दी, बुखार और मलेरिया में ली जाने वाली दवाइयां हैं।' दवाइयों के दामों में वृद्धि से आम इंसान का जीना महंगा और मरना सस्ता हो गया है। दरअसल, कुछ दिनों पहले दवाइयों की कीमत 50 फीसद तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसमें कई जीवनरक्षक दवाएं भी शामिल हैं। शिवसेना ने इसको लेकर सरकार पर हमला बोला है।
'सामना' में प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया है, 'देश में पहले से ही अनाज, सब्जियों, दूध, फल आदि के दाम बढ़े हुए हैं। ऐसे में अब 509 दवाइयों की कीमतें बढ़ा दी गईं। इनमें छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों के काम आने वाली दवाइयां भी शामिल हैं। BCG टीका, क्लोराक्वाइन, डैटसोन, विटामिन सी, मेट्रोनिशजोल जैसी लगभग 21 दवाइयों की कीमतें सीधे 50 फीसद बढ़ा दी गई हैं।' 'सामना' में लिखा गया है कि दवा महंगी होने के कारण यह आम इंसान की पहुंच से दूर हो जाएगी। इस देश में आम इंसान का जीना महंगा और मरना सस्ता हो गया है।
शिवसेना ने मुखपत्र में संपादकीय के जरिये कहा है कि दवा निर्माता कंपनियों ने कीमतें बढ़ाने की मांग की थी। राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने ऐसा दावा किया है। पार्टी का कहना है कि इसमें तथ्य हो सकता है, लेकिन आम आदमी इस महंगाई को कैसे सहन करेगा? शिवसेना ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस सवाल का जवाब न तो सरकार देगी और न ही दवा निर्माण कंपनियां।