मुम्बई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर्मचारी यूनियनों के साथ बैठक में कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र की एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस), राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) और राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र में घोषित संशोधित पेंशन योजना में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं।
इस पर सीएम शिंदे ने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को केवल यूपीएस चुनने की जरूरत नहीं है। सीएम के आश्वासन के बाद कर्मचारी यूनियनों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।
बुधवार देर रात (4 सितंबर) हुई बैठक महाराष्ट्र कैबिनेट द्वारा महाराष्ट्र में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए केंद्र की यूपीएस लागू करने का फैसला लेने के कुछ दिनों बाद हुई।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि, सभी अधिकारी और कर्मचारी सरकार का हिस्सा हैं। सभी को न्याय और स्थायी पेंशन मिलनी चाहिए, यह हमारी भावना है। सरकार का मानना है कि वह अधिकारी और कर्मचारियों को परेशान नहीं होने देगी। संगठनों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार की एनपीएस, राज्य सरकार द्वारा घोषित एकीकृत पेंशन योजना और संशोधित पेंशन योजना में से किसी एक को चुनने का अवसर देने का निर्णय लिया गया है। इन तीन विकल्पों के मद्देनजर, अधिकारी और कर्मचारी उनका गहन अध्ययन कर सकेंगे और उनमें से अपने लिए फायदेमंद एक का चयन कर सकेंगे।
एकीकृत पेंशन योजना एकीकृत पेंशन योजना के तहत, सेवानिवृत्त लोगों को सेवा के अंतिम 12 महीनों से उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन मिलती है, बशर्ते कि उन्होंने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी कर ली हो। 10 से 25 साल की सेवा वाले लोगों के लिए, पेंशन उनकी सेवा अवधि के अनुपात में होती है। नई योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी। इस योजना के लाभ उन लोगों पर लागू होंगे जो 31 मार्च, 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, जिसमें किसी भी बकाया का भुगतान भी शामिल है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना जहां तक एनपीएस का सवाल है, कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) का 10 प्रतिशत योगदान करना होता है, साथ ही सरकार की ओर से भी उतना ही योगदान देना होता है। 2019 में यह योगदान दर बढ़कर 14 प्रतिशत हो गई। हालांकि, एनपीएस एक निश्चित पेंशन राशि की गारंटी नहीं देता है क्योंकि यह कुल संचित कोष और निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर निर्भर करता है।
राज्य सरकार की संशोधित पेंशन योजना के मामले में कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत और महंगाई भत्ते के बराबर तथा पारिवारिक पेंशन के 60 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी।
इस बीच, मुख्यमंत्री शिंदे ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वे जिला परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के कार्यान्वयन का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष लाएं, जिनकी भर्ती के लिए 1 नवंबर 2005 से पहले
विज्ञापन जारी किया गया था। उन्होंने संबंधित विभागों को इस संबंध में उनकी मांगों के कार्यान्वयन की समीक्षा करने का निर्देश दिया।
राज्य सरकार के 13.45 लाख कर्मचारी हैं और स्थानीय स्वशासन के भी। 13.45 लाख
कर्मचारियों में से, 8.27 लाख कर्मचारी वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं।