महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों को आए दो हफ्तें से ज्यादा बीत चुका है लेकिन राज्य में अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया कि अगला सीएम कौन होगा। जहां एक तरफ शिवसेना यह कह रही है कि मुख्यमंत्री तो हमारा ही होगा वही भाजपा का कहना है कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी। लेकिन इन सब के बीच आज खबर आ रही है कि अगर 8 नवंबर तक फैसला नहीं हुआ तो सीएम देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार को इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार शाम तक सीएम सहित सारे मंत्री अपनी सरकारी गाड़ियां और बाकी सुविधाएं वापस कर सकते हैं। बीजेपी सिर्फ शुक्रवार शाम तक का इंतजार करेगी।
वही आज खबर है कि उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी दोपहर 12 बजे तक नागपुर से मुंबई पहुंच सकते हैं। गडकरी के मातोश्री जाने के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि अगर वह मातोश्री आते हैं तो उनका स्वागत है। लेकिन इस मुलाकात से पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी जानबूझकर सरकार के गठन में देरी करवा रही है, क्योंकि वह महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े ने भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का हल निकालने की पहल करते हुए उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने की कोशिश की। संभाजी भिड़े गुरुवार देर शाम मातोश्री पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात उद्धव ठाकरे से नहीं हो सकी। हालांकि, उन्होंने अपनी बात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तक पहुंचा दी है। अभी तक के घटनाक्रम से ये तो साफ हो गया है कि उद्धव ठाकरे देवेंद्र फडणवीस के नाम पर किसी भी तरह से विचार करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
बता दे, कल शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों की मातोश्री (शिवसेना मुख्यालय) बैठक हुई है। सूत्रों के अनुसार, विधायकों ने उद्धव ठाकरे पर फैसला छोड़ दिया है। बैठक के बाद शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा कि, 'हम अगले दो दिनों के लिए होटल में रुकेंगे। हम वही करेंगे जो उद्धव ठाकरे करने के लिए कहेंगे'। शिवसेना सांसद सुनील प्रभु ने कहा कि इन हालात में सभी विधायकों का एकसाथ रहना जरूरी है। जो भी फैसला उद्धवजी लेंगे, वह हम सभी को मंजूर होगा। एक अन्य विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। इससे पहले भाजपा नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। वही उद्धव का कहना है कि हम भाजपा से गठबंधन तोड़ने का इरादा नहीं रखते हैं, लेकिन भाजपा को उस समझौते पर बने रहना होगा, जो लोकसभा चुनाव से पहले किया गया था।