महाराष्ट्र में कैसे बन सकती है सरकार, ये है संभावित समीकरण

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रही खींचतान अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री की कुर्सी का सपना देख रही शिवसेना को कल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, शिवसेना को उम्मीद थी कि कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से हमें सत्ता आसानी से मिल जाएगी लेकिन सोमवार को शिवसेना को उस समय झटका लगा जब जब कांग्रेस (Congress) ने अंतिम क्षणों में समर्थन देने पर विचार करने की बात कह दी। कांग्रेस ने एनसीपी (NCP) से एक बार फिर बातचीत का दौर शुरू करने की बात कही है। वहीं, महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल (Governor) भगत सिंह कोश्यारी से मिलने के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा कि दोनों ही पार्टी (कांग्रेस और एनसीपी) शिवसेना को समर्थन देने को तैयार हैं, लेकिन बहुमत सिद्ध करने के लिए राज्यपाल ने अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया है। ऐसे में अब राज्यपाल ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है। ऐसे में एनसीपी चीफ शरद पवार के रुख पर सभी की निगाहें टिकी हैं। वही बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि उनके पास नंबर नहीं है और इस लिहाज से वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में आइये एक एक नजर डालते है महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठापटक के बीच बन रही संभावनाओं पर...

- शिवसेना के बाद अब राज्यपाल ने तीसरी बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का मौका दिया है और आज शाम 8:30 बजे तक जवाब देने को कहा है। ऐसे में एनसीपी के पास 54 सीटें और कांग्रेस के पास 44 सीटें है। लेकिन इन दोनों का गठबंधन भी बहुमत का 145 का आंकड़ा नहीं छू सकता। ऐसे में एनसीपी को भी शिवसेना के समर्थन की जरुरत पड़ेगी। ऐसे में खबर आ रही है कि महाराष्ट्र में सीएम पद का ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला अब एनसीपी ने भी पकड़ लिया है। सूत्रों के अनुसार एनसीपी का कहना है कि यदि शिवसेना बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर राजी है तो हमारे साथ क्यों नहीं। एनसीपी के पास सिर्फ 2 सीटें कम हैं और ऐसे में सीएम पद पर इस फॉर्मूले को लेकर बात की जा सकती है। दूसरी ओर शिवसेना मुख्यमंत्री के पद पर झुकने को किसी कीमत पर तैयार नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि एनसीपी राज्यपाल के प्रस्ताव को ठुकरा सकती है। एनसीपी ने सीधे तौर पर शिवसेना को समर्थन देने के बारे में अभी कोई ऐलान नहीं किया है।

- वही अगर एनसीपी आज शाम तक सरकार बनाने में समर्थ रहती है तो राज्यपाल चौथी सबसे बड़ी पार्टी यानी कांग्रेस को न्योता दे सकते हैं। लेकिन इस सूरत में भी कांग्रेस को एनसीपी और शिवसेना की जरूरत पड़ेगी। वही कांग्रेस को पूरा पक्का है कि ऐसे हालात में शिवसेना समर्थन नहीं देगी। विचारधारा की वजह से भी ऐसा होना मुमकिन नहीं दिखता। ऐसे में कांग्रेस की ओर से सरकार बनाने के लिए शिवसेना से समर्थन मांगना तकरीबन असंभव नजर आता है।

- सियासी जानकार अभी बीजेपी के सरकार बनाने की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं कर रहे हैं। यह बात सही है कि फिलहाल बीजेपी ने सरकार सियासी जानकार अभी बीजेपी के सरकार बनाने की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं कर रहे हैं। हालांकि अभी बीजेपी ने सरकार गठन को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं लेकिन किसी और पार्टी की मदद से बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के पास पहुंच सकती है। 2014 में भी बीजेपी ने बहुमत न होने की सूरत में एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाई थी। हालांकि बाद में शिवसेना ने भी अपना समर्थन दिया था।

- अगर यह सभी दल सरकार बनाने में समर्थ रहते है तब राज्यपाल राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज कर अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करते हैं। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य की सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास सुरक्षित हो जाती हैं। विधानसभा का कार्य संसद करती है। इसके लिए दो महीने के भीतर संसद की मंजूरी जरूरी है। राज्य में 6 महीने या ज्यादा से ज्यादा 1 साल के लिए राष्ट्रपति शासन लागू रह सकता है। यदि एक साल से अधिक राष्ट्रपति शासन को आगे बढ़ाना है, तो इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। ऐसे में एक साल के बाद फिर से चुनाव की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। लेकिन अगर राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी कोई पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है तो राज्यपाल राज्य में मध्यावधि चुनाव की सलाह दे सकते हैं।

बता दे, इन सबके बीच कांग्रेस मंगलवार को एनसीपी को समर्थन पत्र दे सकती है। सत्रों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दोपहर 3 बजे की फ्लाइट से मुंबई रवाना हो सकते हैं और 4 बजे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक होगी। इसके बाद दोनों पार्टियों के नेता राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के मुंबई जाने की जानकारी सामने आने के बाद उनका बयान भी आया है। खड़गे ने कहा है कि NCP के साथ हमारा गठबंधन चुनावों से पहले का है और जो भी फैसला होगा वह आपसी ही होगा। एनसीपी से बातचीत जारी है और कोई फैसला होने के बाद ही हम आगे की कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बातचीत भी हुई है।