बैंक संकट और आर्टिकल 370 को लेकर मनमोहन स‍िंह का मोदी सरकार पर पलटवार, कही ये बड़ी बात..

महाराष्‍ट्र के चुनावी जंग में गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) भी कूद पड़े और उन्होंने आर्टिकल 370 (Article 370) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के सवालों पर और पीएमसी बैंक संकट और अर्थव्यवस्था पर वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगाए गए आरोपों पर करारा जवाब दिया। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आर्टिकल 370 को खत्‍म करने के बिल के समर्थन में वोट दिया था और हमारी पार्टी इसके खिलाफ नहीं है। डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि हमारा मानना है कि आर्टिकल 370 एक अंशकालिक उपाय था लेकिन अ‍गर बदलाव लाया गया है तो इसे जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों की सद्भावना के साथ होना चाहिए। डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि हालांकि जिस तरह से इस बिल को लागू किया गया है, हम उसका विरोध कर रहे हैं। बता दें कि महाराष्‍ट्र के चुनाव प्रचार में पीएम मोदी आर्टिकल 370 का मुद्दा जोरशोर से उठा रहे हैं। उन्होंने कहा बीजेपी सरकार सिर्फ विपक्ष पर दोष मढ़ने में जुटी है, समाधान ढूंढने में विफल रही है। उन्‍होंने कहा कि मुद्रास्फीति की घटती दर, किसानों पर संकट, सरकार की आयात-निर्यात नीति से समस्‍याएं खड़ी हो रही हैं।

मनमोहन सिंह ने कहा कि हमें 5 ट्रिल्‍यन अर्थव्‍यवस्‍था बनने के लिए 10 से 12 प्रतिशत के ग्रोथ रेट की जरूरत है लेकिन बीजेपी के शासन में साल दर साल विकास दर नीचे गिर रही है। उन्‍होंने कहा, 'आईएमएफ ने कहा है कि इस साल भारत की विकास दर कुछ महीने पहले लगाए गए 7.3 प्रतिशत के अनुमान की अपेक्षा मात्र 6.1 ही रहेगी। हर साल गिर रही विकास दर के कारण मैं नहीं समझता हूं कि वर्ष 2024 तक हमारी अर्थव्‍यवस्‍था 5 ट्रिल्‍यन डॉलर के लक्ष्‍य को पा सकेगी।'

पूर्व पीएम ने कहा कि बीजेपी का वोटों को हासिल करने के लिए किया गया, डबल इंजन का वादा पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। पूर्व पीएम ने कहा कि महाराष्‍ट्र इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। मनमोहन सिंह ने एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा, 'सुशासन का बहु प्रचारित डबल इंजन मॉडल फेल हो गया है जिस पर बीजेपी ने वोट हासिल किया था। महाराष्‍ट्र गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। महाराष्‍ट्र में लगातार चौथे साल विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर गिरी है।'

पीएमसी बैंक घोटाले के बारे में डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि यह एक दुर्भाग्‍यपूर्ण घटना है। उन्‍होंने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि इस बैंक के साथ ऐसा हुआ। मैं महाराष्‍ट्र के सीएम, प्रधानमंत्री और वित्‍तमंत्री से अपील करता हूं कि वे इस मामले को देखें और इससे प्रभावित 16 लाख लोगों की शिकायतों को दूर करें। मैं अपेक्षा करता हूं कि भारत सरकार, आरबीआई और महाराष्‍ट्र सरकार एक साथ आएंगे और इस मामले में विश्‍वसनीय, व्‍यवहारिक और प्रभावी समाधान मुहैया कराएंगे जिसमें 16 लाख जमाकर्ता न्‍याय की मांग कर रहे हैं।'

बता दे, न्यू यॉर्क में मंगलवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनैशनल ऐंड पब्लिक अफेयर्स में एक लेक्चर देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में देश के सरकारी बैंकों ने अपना सबसे बदतर दौर देखा है। सीतारमण ने कहा कि वर्तमान सरकार का पहल मकसद तमाम सरकारी बैंकों को पुनर्जीवित करना है।

उन्होंने यह भी कहा, 'रघुराम राजन ही उस वक्त आरबीआई के गवर्नर थे, जब महज राजनेताओं के एक फोन कॉल पर सरकारी बैंकों से लोन दिए गए और उसकी सजा ये बैंक आज तक भुगत रहे हैं।' सीतारमण ने कहा, 'डॉ। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और मुझे इस बात का विश्वास है कि डॉ। राजन इस बात से सहमत होंगे कि डॉ। सिंह के पास भारत के लिए एक सुसंगत स्पष्ट दृष्टिकोण होता।'