साई बाबा के जन्म स्थान को लेकर उठा विवाद, उद्धव द्वारा पाथरी को जन्मस्थली बताने पर नाराज हुए शिरडी के लोग

शिरडी के सांई बाबा के जन्मस्थान को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे के एक बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों औरंगाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि परभणी जिले के नजदीक पाथरी गांव में जहां पर साईं बाबा का जन्म हुआ था, वहां 100 करोड़ रुपए के विकास का काम किया जाएगा और पाथरी गांव में इस परियोजना को अमल में लाया जाएगा। ठाकरे के इस एलान के बाद कथित तौर पर साईं बाबा की जन्मस्थली पाथरी के लोग जहां खुशी से झूम उठे और जश्न मनाने लगे। वहीं उनकी कर्मस्थली अहमदनगर जिले के शिरडी के लोगों में गुस्सा है।वहीं ट्रस्ट के एक सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि साईं की कर्मस्थली शिरडी है। शिरडी निवासियों का कहना है कि जब तक सरकार स्पष्ट यह नहीं कह देती की पाथरी में जन्म स्थान होने के कारण यह विकास कार्य नहीं किया जा रहा है तब तक शिरडी शहर अनिश्चितकालीन के लिए बंद होगा।

शिरडी के लोगों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री पाथरी को 100 की बजाए 200 करोड़ रुपये की राशि दें या वहां विकास कार्यों करें इसे लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उसकी पहचान साईं जन्मस्थान के रूप में नहीं हो सकती। गांव वालों का कहना है कि शिरडी आने के बाद साईं बाबा ने कभी अपना असली नाम, गांव, जाति, धर्म के बारे में नहीं बताया। इसीलिए वह आज सभी धर्मों के लिए सर्वधर्म समभाव के प्रतीक के तौर पर जाने जाते हैं। कथित तौर पर उनके जन्म स्थान उनके धर्म, उनके जाति को लेकर अलग-अलग दावे किए गए, लेकिन यह मूल रूप से साईं बाबा के सिखाई हुई बातों और उनकी प्रतिमा को ठेस पहुंचाती है।

इसके अलावा आज शुक्रवार के दिन शिरडी के मुख्य पदाधिकारी और स्थानीय निवासियों के साथ चर्चा की जा रही है। इस बंद में शहरी भाग से लेकर ग्रामीण भाग के सभी लोग शामिल हों इसका प्रयास किया जा रहा है।

शिरडी आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो इसलिए 2 दिन पहले ही शिरडी बंद का संदेश पूरे देश भर में दिया जा रहा है।