मुम्बई। विवादित भाजपा नेता और महाराष्ट्र के विधायक नितेश राणे ने भड़काऊ भाषण देकर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय को धमकी दी है।
1 सितंबर, रविवार को राणे ने हिंदू संत महंत रामगिरी महाराज के समर्थन में श्रीरामपुर और तोपखाना इलाकों में दो सार्वजनिक कार्यक्रमों को संबोधित किया। महंत पर 14 अगस्त को नासिक जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम में इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए राणे ने चेतावनी दी कि यदि हिंदू संत को नुकसान पहुंचाया गया तो इसके परिणाम भुगतने होंगे।
भाजपा विधायक ने कहा, यदि आपने हमारे रामगिरी महाराज को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत की, तो हम आपकी मस्जिद में प्रवेश करेंगे और आपको ढूंढ निकालेंगे (चुन चुन के मारेंगे), इस बीच भीड़ ने उनका उत्साहवर्धन किया।
अहमदनगर पुलिस ने राणे के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस ने बताया कि भाजपा विधायक ने अहमदनगर में सकल हिंदू समाज आंदोलन में हिस्सा लिया था और वहां भाषण दिए थे।
पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक ने कहा, कल मैं अहिल्यानगर (अहमदनगर) और श्रीरामपुर में था। वहां हम महंत रामगिरी महाराज जी के समर्थन में सामने आए। उनके द्वारा दिए गए बयान में कुछ भी नया नहीं था। मैं आपको कम से कम 10 मुस्लिम विद्वानों के बयान दिखा सकता हूं जिन्होंने पहले ही इस तथ्य का उल्लेख किया है कि रामगिरी महाराज जी ने क्या कहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, जो कोई भी रामगिरी महाराज का समर्थन कर रहा है, यहां तक कि जो इसे अपने सोशल मीडिया स्टेटस पर भी डाल रहा है, उसे मौत की धमकियां मिल रही हैं। पिछले हफ्ते पुणे में रामगिरी महाराज के खिलाफ एक रैली के दौरान 'सर तन से जुदा' के नारे लगाए गए थे। वे ऐसा कह सकते हैं लेकिन अगर हम उसी भाषा में हिंदू समुदाय के समर्थन में सामने आते हैं, तो हमसे सवाल क्यों किए जाते हैं? संविधान और पुलिस को अपना काम करने दें। हिंदू समुदाय के लोगों को क्यों धमकाया जाता है?
यह पहली बार नहीं है जब नितेश राणे ने अपने भड़काऊ भाषणों से विवाद खड़ा किया हो। इस साल अप्रैल में, मुंबई के उत्तरी उपनगर मीरा रोड में जनवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अल्पसंख्यक समुदाय को कथित तौर पर
धमकाने के लिए राणे के खिलाफ नफरत भरे भाषण के चार मामले दर्ज किए गए थे।
हालांकि, बाद में पुलिस ने नितेश राणे के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मामला दर्ज नहीं करने का फैसला किया और तर्क दिया कि भाजपा विधायक ने अपने भाषणों में रोहिंग्या और बांग्लादेशी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जो भारतीयों के लिए नहीं थे।