फडणवीस BJP विधायक दल के नेता चुने गए, उद्धव को कहा शुक्रिया, मंत्री मुनगंटीवार ने कहा- 4 दिनों में शपथ ग्रहण

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर जारी घमासान के बीच भाजपा विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के उपाध्यक्ष अविनाश खन्ना बतौर पर्यवेक्षक मौजूद रहे। शिवसेना ढाई साल अपना मुख्यमंत्री बनाए जाने पर अड़ी है। हालांकि, फडणवीस पहले ही साफ कर चुके हैं कि 5 साल तक वे मुख्यमंत्री रहेंगे। भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह पीएम मोदी और अमित शाह का शुक्रिया अदा करते हैं। 2014 और 2019 में हमने फ्रंटफुट पर चुनाव लड़ा और जीता भी। उन्होंने कहा कि जो भी अफवाहें हैं उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए, भाजपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगे। शिवसेना की कुछ डिमांड हैं, उन्हें सुलझा लिया जाएगा। फडणवीस ने अपने भाषण में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का भी शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार हमने कुछ निर्दलीयों का भी समर्थन लिया है। मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि अगले 2 दिनों के बीच सब कुछ फाइनल हो जाएगा और 4 दिनों में शपथ ग्रहण होगा। राज्य में फिर से भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी। वहीं गुरुवार को शिवसेना ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। बता दें कि इस बार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी विधायक चुनकर आए हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि शिवसेना का विधायक दल का नेता उन्हें चुना जा सकता है।

मुख्यमंत्री पद को लेकर अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच आज चर्चा होनी थी, लेकिन शाह गुजरात दौरे पर हैं। एक मराठी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच फोन पर बात हुई। दोनों ने बैठक करके जल्द ही समाधान निकालने पर सहमति जताई है। शिवसेना ने भी गुरुवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई। संजय राउत मातोश्री पहुंचकर उद्धव के मिले।

चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक किशोर जोर्गेवार ने बुधवार को मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की और भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया। मंगलवार को भी दो निर्दलीय फडणवीस के समर्थन में आए थे। फडणवीस ने कहा था- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर 50:50 फॉर्मूला जैसा कोई समझौता नहीं हुआ था। फडणवीस का यह बयान शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के पास भी सरकार बनाने के विकल्प हैं, लेकिन वे इसे स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते।

इसके बाद फडणवीस ने सफाई दी थी कि लोकसभा चुनाव के समय शिवसेना ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर मेरे सामने कोई फैसला नहीं हुआ। अगर कुछ हुआ भी होगा तो अमित शाह और उद्धव ठाकरे ही तय करेंगे। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने कहा था कि शिवसेना के 45 नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री फडणवीस के संपर्क में हैं। ये विधायक भाजपा के साथ गठबंधन चाहते हैं, इसलिए वे उद्धव को फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए मना लेंगे। इसके अलावा शिवसेना के पास कोई चारा नहीं है। भारतीय जनता पार्टी को लगातार निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलता जा रहा है। साहूवाडी से जनसूर्या पार्टी के विधायक विनय कोरे, युवा स्वाभिमानी पार्टी के रवि राणा, मीरा-भयंडर से गीता जैन, बारसी से राजेंद्र राउत, उरान से महेश बाल्दी, गोंदिया से विनोद अग्रवाल अभी तक महाराष्ट्र में भाजपा को अपना समर्थन दे चुके हैं।

संजय राउत ने फडणवीस के बयान पर कहा था कि मुख्यमंत्री ने खुद 50:50 फॉर्मूला की बात की थी। उद्धवजी ने भी इस बारे में बात की थी। ये सब अमित शाह के सामने हुआ। सरकार बनाने में देरी के सवाल पर राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं, जो धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरदजी (शरद पवार) ने भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया और कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। भाजपा ने बहुमत से दूर रहने पर हरियाणा में जजपा के साथ गठबंधन कर उसके अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री पद दिया था।

24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना के कुछ नेताओं ने मांग की है कि राज्य में ढाई साल शिवसेना और ढाई साल भाजपा का मुख्यमंत्री बने। शिवसेना ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 50:50 फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए मांग की थी कि दोनों पार्टियों के नेताओं को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिले। शिवसेना के प्रताप सरनाइक ने कहा कि उद्धव को मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा आलाकमान से लिखित में लेना चाहिए। हालांकि, इसके बाद महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य में अगले 5 साल भाजपा के नेतृत्व में ही सरकार चलेगी। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कुल 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।