बड़ा सवाल!! क्या सत्ता के लिए आज शिवसेना तोड़ सकती है BJP के साथ गठबंधन?

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी में चल रही खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। वही अगर आज इन दोनों पार्टियों के बीच चल रहा मामला नहीं सुलझता है तो जल्द ही शिवसेना, महायुति से अलग हो सकती है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना का यह बड़ा दांव होगा। शिवसेना ने साफ कर दिया कि बीजेपी राज्य में राष्ट्रपति शासन की कोशिश में हैं। थोड़ी देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी। हालांकि सभी शिवसेना विधायक अभी होटल में जमे हैं।

इस बीच सेना भवन पर आज भी उद्धव ठाकरे की अगुवाई में पार्टी नेताओं की अहम बैठक हो रही है। इस बैठक से पहले शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल ने कहा कि सीएम शिवसेना से होना चाहिए। हम उद्धव ठाकरे के आदेशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब तक हमें बताया जाएगा, तब तक होटल में रहेंगे।

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे गुरुवार देर रात को मुंबई के रंग शारदा होटल पहुंचे थे। इस होटल में शिवसेना के विधायक ठहरे हुए हैं। दरहसल, शिवसेना को विधायकों के टूटने का डर है। जिसके चलते गुरुवार को अपने विधायकों को मुंबई के रंग शारदा होटल में रहने के लिए भेजा दिया है। शिवसेना के विधायक अगले दो दिन तक और इसी होटल में रहेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल को संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना पड़ेगा।

जयपुर जाएंगे कांग्रेस के विधायक

वही शिवसेना के साथ-साथ कांग्रेस को भी विधायकों के टूटने का डर लग रहा है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने हमारे विधायकों से संपर्क किया और पैसे की पेशकश की है। वहीं सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक नाना पटोले दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। खबर है कि कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर के किसी होटल में शिफ्ट कर रही है।

गडकरी मध्यस्थता के लिए तैयार

इस खींचतान के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में सरकार बनेगी। हमने शिवसेना के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और हम ही सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बाला साहेब के समय भी सीएम पद को लेकर खींचतान हुई थी, तब हमने तय किया था कि जिसके सबसे अधिक विधायक होंगे, सीएम पद उसके ही खाते में जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं मध्यस्थता के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ हमने कभी भी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर बातचीत नहीं हूई थी। ढाई-ढाई साल सीएम पद का कोई वादा नहीं किया गया था। सीएम पद तो बीजेपी के पास ही रहेगा। वही नितिन गडकरी का कहना है कि विधायकों के खरीद-फरोख्त की जो बात सामने आ रही है वह पूरी तरह से बेबुनियाद है। हम कभी भी विधायकों की खरीद-फरोख्त के पक्ष में नहीं है। हम तैयार हैं, शिवसेना को सकारात्मक सोचना चाहिए। महाराष्ट्र की जनता के हित में फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या मोहन भागवत की कोई भूमिका नहीं है।

वही इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह शिवसेना के बिना सरकार बनाने का दावा नहीं करेंगे। भागवत ने फडणवीस को स्पष्ट रूप से कहा कि अगर शिवसेना एनसीपी-कांग्रेस से समर्थन हासिल कर रही है, तो उन्हें उन्हें आगे बढ़कर सरकार बनाने देना चाहिए। भागवत ने कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसी अपवित्र राजनीति में किसी भी प्रकार से शामिल न हों। उन्होंने कहा खरीद-फरोख्त की राजनीती लंबे समय तक पार्टी के हित में नहीं है।

गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के हाल ही में घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी अकेले 145 सीटों के बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई। इसके चलते सरकार गठन में देर हो रही है। चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई है। गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को 161 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है।