महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान आज संपन्न हो रहा है, जिसके साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा। शुक्रवार, 27 फरवरी को प्रयागराज में समापन समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के शामिल होने की संभावना है। इस बीच, उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने महाकुंभ के दौरान यूपी पुलिस के योगदान की सराहना की, लेकिन उनके एक बयान ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने दावा किया कि महाकुंभ बिना किसी हादसे के संपन्न हुआ, जबकि मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ में 37 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस घटना का जिक्र खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में भी किया था। विपक्ष ने इस हादसे को लेकर योगी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी।
इस मुद्दे को संसद में भी उठाया गया था। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा था कि हादसे में मारे गए लोगों के शव पोस्टमार्टम हाउस और अस्पतालों में पड़े थे, लेकिन सरकार ने उन पर ध्यान देने के बजाय सरकारी हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की। उन्होंने सवाल उठाया कि भगदड़ के बाद घटनास्थल पर बिखरे चप्पल, कपड़े और साड़ियों को जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से हटवाया गया, लेकिन कोई यह नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस हादसे को छिपाने की कोशिश की।
DGP ने खुद मानी थी गलती, अब दे रहे हैं अलग बयानमौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के करीब 15 दिन बाद, यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने खुद स्वीकार किया था कि प्रशासन से एक गलती हुई थी, जिसकी वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। हालांकि, अब महाशिवरात्रि के अवसर पर, डीजीपी प्रशांत कुमार ने किसी भी तरह की दुर्घटना से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं और महाशिवरात्रि का अंतिम अमृत स्नान शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है।
45 दिनों में 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नानमहाकुंभ के अंतिम दिन तक, 45 दिनों की अवधि में प्रयागराज में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और तकनीकी सुविधाओं को एक नए स्तर पर ले जाने की कोशिश की गई। डीजीपी ने कहा कि सभी एजेंसियों के सहयोग से कुंभ मेले में अभूतपूर्व प्रबंधन किया गया। इसके अलावा, अयोध्या, वाराणसी और विंध्यवासिनी देवी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जो प्रयागराज में स्नान के बाद दर्शन के लिए गए।
महाकुंभ बिना किसी हादसे के संपन्न – DGP प्रशांत कुमारडीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ बिना किसी बड़े हादसे के संपन्न हुआ। रेलवे के साथ समन्वय स्थापित कर, स्नान के प्रमुख दिनों में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रेल सेवाओं का उपयोग किया, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या 3-4 लाख रही। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारे लिए एक चुनौती नहीं बल्कि एक अवसर था, और सुरक्षाकर्मियों ने पूरे 45 दिनों तक मैदान में सक्रिय रहते हुए इसे सफलतापूर्वक संपन्न किया।