आज से हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और भव्य उत्सव, महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर अपनी आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं। महाकुंभ की खास बात यह है कि इसमें न केवल देश भर से, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।
एक रशियन श्रद्धालु, जो पहली बार महाकुंभ में आई हैं, ने ANI से बातचीत में भारत की सराहना करते हुए कहा, मेरा भारत महान, भारत एक महान देश है। हम कुंभ मेले में पहली बार आए हैं। यहां हम असली भारत देख सकते हैं। असली शक्ति भारत के लोगों में निहित है। मैं इस पवित्र स्थान के लोगों के उत्साह की वजह से कांप रही हूं। मुझे भारत से प्यार है।
महाकुंभ का विशेष महत्व और कार्यक्रम
महाकुंभ इस वर्ष 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इसे खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि यह महाकुंभ 144 वर्षों के बाद आया है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) 14 जनवरी को होगा। हिंदू पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, महाकुंभ में संगम में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ारविवार रात 10 बजे तक, कुल 85 लाख श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान कर चुके हैं। शनिवार (11 जनवरी) को 34 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। रविवार को यह संख्या बढ़कर 50 लाख तक पहुंच गई। दो दिनों में कुल मिलाकर 85 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया है।
दुनिया का सबसे बड़ा आयोजनमहाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा मेला माना जाता है। इस भव्य आयोजन में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। इस अद्वितीय संगम पर साधु-संतों, विदेशी पर्यटकों और हर उम्र के लोगों का उत्साह देखते ही बनता है।