
नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इस निर्णय का स्वागत किया है। गडकरी ने लिखा, 'सामाजिक न्याय को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने को मंजूरी दी है।'
उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में CCPA (कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स) की बैठक के दौरान यह अहम निर्णय लिया गया है। यह फैसला समानता, समावेशन और आर्थिक व सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के सशक्तिकरण की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह एक प्रगतिशील कदम है जो सामाजिक ढांचे को और अधिक प्रतिनिधि व न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में उठाया गया है।'
गौर करने वाली बात है कि केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना का निर्णय ऐसे समय पर लिया है, जब हर 10 साल में होने वाली जाति आधारित जनगणना साल 2021 में नहीं हो सकी थी। इस मुद्दे पर विपक्ष की भी प्रतिक्रियाएं आई हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो वर्तमान में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, ने भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पहले से ही जातिगत जनगणना की मांग करती आ रही है और आरक्षण की 50% सीमा को खत्म करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, पहले पीएम मोदी सिर्फ चार जातियों की बात करते थे, लेकिन अब अचानक कास्ट सर्वे की घोषणा कर दी है।'
हालांकि, राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सरकार के इस निर्णय का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने इस प्रक्रिया की स्पष्ट टाइमलाइन तय करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जातिगत जनगणना कब से शुरू होगी और कब तक पूरी की जाएगी, ताकि यह केवल एक घोषणा न रह जाए बल्कि अमल में भी लाई जा सके।