महागठबंधन और विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने कहा कि विपक्षी पार्टियों का प्रस्तावित महागठबंधन प्रतिद्वंद्वियों का गठजोड़ है जो देश को नहीं चला सकता। वित्त मंत्री ने कहा कि इस देश में कभी प्रतिद्वंद्वियों का गठबंधन काम नहीं करता है। हम यह देख चुके हैं। हमने इस तरह के गठबंधनों के साथ प्रयोग किया है और देश ने इसकी भारी कीमत चुकाई है। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में अरुण जेटली ने अलग-अलग मौकों पर विपक्षी एकता और पार्टियों पर हमला बोला है।
अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने यहां वार्षिक इकोनॉमिक्स टाइम्स पुरस्कार समारोह में कहा कि देश ने पहले भी इस तरह के तजुर्बों के लिए भारी कीमत चुकाई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि आज जो प्रयास किया जा रहा है वो अतीत की तुलना में शायद सर्वाधिक विनाशकारी है। यह प्रतिद्वंद्वियों का गठबंधन हैं। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, सबसे बड़ा लोकतंत्र क्या प्रतिद्वंद्वियों का गठबंधन चला सकता है।
शनिवार को ही उन्होंने पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि जिनके पास छिपाने के लिए बहुत कुछ होता है वही सीबीआई को अपने राज्य में प्रवेश से रोकते हैं। अरुण जेटली ने कहा कि ऐसे लोगों को डर है कि सीबीआई के राज्य में जांच के लिए आने से उनके कई कारनामें सभी के सामने आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी राज्य नहीं है जहां भ्रष्टाचार न होता है। ऐसे में सीबीआई को रोकना यानी खुदको बचाने की कोशिश करने जैसा है। ध्यान हो कि इससे पहले ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू ने सीबीआई को अपने अपने राज्य में छापे मारने व जांच करने के लिए दी गई सामान्य रजामंदी को वापस ले लिया था। इसे लेकर वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण राज्यों का उन पर से विश्वास कम हो रहा है।
हालांकि भाजपा ने इसे भ्रष्ट दलों द्वारा अपने हितों के बचाव के लिए अधिकारों की स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण कवायद करार दिया। सीबीआई को अब इन राज्यों में अदालती आदेश वाले मामलों व केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों को छोड़कर शेष सभी में किसी तरह की जांच के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। आंध्र प्रदेश में तेलुगूदेशम पार्टी की सरकार है जिसके मुखिया चंद्रबाबू नायडू हैं वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी का शासन है। दोनों ही उन नेताओं में शामिल हैं जो 2019 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाने के लिए प्रयासरत हैं।