जबलपुर / अपहरण के बाद 13 साल के मासूम की हत्या, आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में एक 13 साल के बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या करने का मामला सामने आया है। जबलपुर के खनन व्यवसायी मुकेश लांबा के 13 साल के बेटे आदित्य का 15 अक्टूबर की शाम अपहरण कर लिया गया था। तब वो घर के नजदीक की एक दुकान पर बिस्किट लेने गया था। इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को कॉल कर दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। परिजनों ने इस बारे में पुलिस को भी कॉल कर घटना की जानकारी दे दी थी। इसके साथ ही किडनैपर्स को 8 लाख रुपए (फिरौती की रकम) भी दे दिये थे। इसके बावजूद किडनैपर्स ने बच्चे की हत्या कर उसकी लाश नहर में फेंक दी।

वारदात का मुख्य आरोपी मृतक बच्चे के पिता का परिचित है। हालांकि अपहरण कर हत्या करने वाले मुख्य आरोपी राहुल उर्फ मोनू की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई है। दरअसल, रविवार शाम को अचानक ही राहुल की तबीयत खराब हुई, जिसके बाद पुलिस ने उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया। लेकिन आरोपी की वहीं पर मौत हो गई। फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही आरोपी की मौत की असली कहानी सामने आएगी।

सड़क पर निकाला गया जुलूस

मध्य प्रदेश पुलिस ने इस वारदात में शामिल राहुल विश्वकर्मा, मलय राय और करण नाम के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जबलपुर की सड़क पर जुलूस निकाला। हालांकि बाद में राहुल विश्वकर्मा की मौत हो गई। दरअसल, अपहरण की जानकारी पुलिस को शुरुआती चंद घंटों में मिल गई थी। इसके बावजूद तीन दिन तक पुलिस किडनैपर्स तक नहीं पहुंच पाई और ना ही बच्चे को बचा पाई। अब बच्चे की मौत के बाद किडनैपर्स को पकड़ कर पुलिस ने उनका सड़क पर जुलूस निकाल कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश जरूर की है। लेकिन फोन सर्विलांस से लेकर टैपिंग तक के बावजूद बच्चे को नहीं बचा पाने के कारण पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

'अंकल मैं आपको जानता हूं' कहना पड़ा भारी


किडनैपर्स में से एक राहुल विश्वकर्मा, बच्चे के पिता मुकेश लांबा का परिचित है। उनका मृतक के घर आना-जाना था और परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बच्चे के किडनैप की योजना करीब एक महीने पहले ही बना ली थी। इसके बाद से वो लगातार घर और आसपास रेकी कर रहे थे। किडनैपिंग के बाद जब बच्चे ने राहुल को देखा तो उसको पहचान लिया और बोला कि वो उसे जानता है। बस यही बात मासूम की जान पर भारी पड़ गई और पहचान उजागर होने के डर से किडनैपर्स ने बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी।

किसी को छोड़ा नहीं जाए- शिवराज

इस पूरी घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इस वारदात में जो भी लिप्त है उन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

बच्चे के अपहरण और हत्या के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'प्रदेश में शराब माफ़ियाओं द्वारा 14 लोगों की जान लेने के बाद अब जबलपुर में अपहरण माफ़ियाओं द्वारा एक मासूम बालक की जान ले ली गई। एक घर का चिराग और बुझ गया। शिवराज सरकार अपहरण माफ़ियाओं से मासूम बालक को वापस नहीं ला सकी। ये माफिया पूरे प्रदेश को लील लेंगे। हमारी सरकार में हमने इन्हें कुचला था लेकिन शिवराज सरकार इनके प्रति प्रेम दिखा रही है, इन्हें बख्शा जा रहा है। पता नहीं क्यों माफिया-मिलावटखोर शिवराज जी के भगवान बने हुए हैं'।