लॉकडाउन : नहीं पहुंची एंबुलेंस तो परिजन स्कूटी पर ले गए अस्पताल, हुई मौत

मध्यप्रदेश के खंडवा में मंगलवार को 9 मरीज पॉजिटिव मिलने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने तत्काल यहां गलियों को सील कर दिया। ऐसे में एक बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो गई। एंबुलेंस नहीं मिलने पर बेटा दोस्त के साथ पिता को स्कूटी पर बिठाकर अस्पताल पहुंचा, लेकिन उनकी जान नहीं बचा पाया। खंडवा क्षेत्र के शेख हमीद (65) की तबीयत अचानक खराब हो गई। एंबुलेंस को फोन लगाया लेकिन काफी देर तक इन्तेजार करने के बाद भी एंबुलेंस जब नहीं पहुंची तो उनके बेटे सईद और उसके साथी स्कूटर पर अस्पताल लेकर निकले। जब तक वे गेट पर पहुंचे पिता की मृत्यु हो चुकी थी। 3 दिन पहले भी जिले के आदिवासी विकासखंड खालवा में समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से एक बच्चे की जान चली गई थी। बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रैफर किया गया था।

ऐसा ही मामला इंदौर में भी सामने आया था, जहां बीमार की जान नहीं बचाई जा सकी। इंदौर के मरीमाता क्षेत्र निवासी 55 साल के पांडुराव चांदवे करीब 8-10 दिन से बीमार थे, उन्हें सर्दी-जुकाम भी था। सोमवार को परिजन उन्हें लेकर एमवायएच की फ्लू ओपीडी में पहुंचे। परिजन का आरोप है कि एक्स-रे लिया और दवाइयां देकर उन्हें घर भेज दिया गया। मंगलवार सुबह सांस में तकलीफ हुई तो वे मरीज को क्लॉथ मार्केट अस्पताल लेकर पहुंचे। बताया गया कि यहां इलाज नहीं होगा। एमवायएच के लिए एम्बुलेंस की बात की गई तो उसकी व्यवस्था भी नहीं की गई। इसके बाद पांडुराव की भतीजी और अन्य परिजन उन्हें स्कूटी पर बैठाकर ही सीधे एमवायएच पहुंचे। पांडुराव की तब तक मौत हो चुकी थी। जुकाम और बुखार के बावजूद कोरोना संक्रमण के लिए सैंपल नहीं लिया जा सका।