मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में सोमवार रात मौत का ऐसा तांडव मचा, जिसे मरीजों के परिजन पूरे जीवन पर नहीं भूल पाएंगे। यहां कमला नेहरू अस्पताल में स्थित बच्चा वार्ड में लगी आग से चार घरों के चिराग बुझ गये हैं। इस वार्ड में करीब 40 बच्चे भर्ती थे। रात करीब 9 बजे अचानक लगी आग से वहां अफरातफरी मच गई। जब हादसा हुआ, तब लोगों के पास रोने-बिलखने के अलावा कुछ नहीं था। किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। रेस्क्यू टीम ने लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला। जिस चिल्ड्रन वार्ड में आग लगी, उसे नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाना था। कई लोगों को स्ट्रेचर से बाहर निकालकर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया। मुख्यमंत्री ने ACS को सौंपी जांच
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख जताते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। घटना की जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में आग की घटना दुखद है। दुर्भाग्यवश पहले से गंभीर रूप से बीमार होने पर भर्ती तीन बच्चों को नहीं बचाया जा सका। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। ये जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान करेंगे। घटना पर मेरी लगातार नजर है।
शिवराज सिंह कैबिनेट के मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि बच्चा वार्ड में कुल 40 बच्चे भर्ती थे। इनमें से चार की मौत हो गई और 36 को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लिया गया है। मृतक बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया करायी जायेगी।
जानकारी के अनुसार आग रात करीब 9 बजे लगी। बताया जा रहा है कि दो वेंटीलेटर में शार्ट सर्किट से आग लगी और उसके बाद ब्लास्ट हुआ। बच्चों का यह वार्ड कमला नेहरू अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बना हुआ है। आग लगने से वार्ड में धुंआ भर गया और वहां अफरातफरी मच गई। हादसे में धुंए के कारण दम घुटने तीन बच्चों की मौत हो गई। एक और बच्चे ने बाद में दम तोड़ दिया। आग पर करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया जा सका।