लखनऊ विवेक हत्याकांड : योगी के मंत्री के विवादित बयान, कहा - 'उसी को गोली लग रही है, जो वास्तव में क्रीमिनल है', वीडियो

लखनऊ पुलिस की मनमानी और बर्बरता ने शनिवार तड़के एपल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की जान ले ली। इस मामले में यूपी पुलिस चौतरफा घिरती नजर आ रही है। इस पूरे मामले पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि इस घटना की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे। वहीं, दूसरी तरफ उनकी सरकार के सिचाई मंत्री ने इस मामले में विवादित बयान दिया है। योगी सरकार के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 'गोली उन्हीं को लग रही है, जो वास्तव में अपराधी हैं। विवेक तिवारी की हत्या के मामले में उन्होंने यह भी कहा कि जो गलती करेगा उसको दंड मिलेगा, किसी भी हाल में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में ऐसी कोई गलती नहीं हुई। उसी को गोली लग रही है, जो वास्तव में क्रीमिनल है। न्याय सबको मिलेगा। जो गलती करेगा उसको दंड मिलेगा।

डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने माफी मांगी

इस पूरे मामले पर बात करते हुए प्रदेश के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने माफी मांगी है। शनिवार देर शाम उन्होंने इस अप्रत्याशित घटना को यूपी पुलिस का चरित्र न मान बैठने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि खाकी वर्दी में मौजूद एक-एक बदमाश को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग की जरूरत है।

डीजीपी ने ट्वीटर पर लिखा कि व्यक्ति की कीमती जिंदगी की भरपाई किसी भी क्षमा याचना से पूरी नहीं हो सकती न ही पीड़ित परिवार को पहुंचे इस आघात की भरपाई हो सकती है। मृतक विवेक तिवारी की पत्नी छोटी बेटियां और परिवार के लिए मेरा दिल भर आया है। मैं अपना दुख उनके साथ बांटता हूं। इस तरह का आपराधिक व्यवहार निंदनीय है और सख्त सजा पाने का हकदार है। हम सजा देने के लिए और वर्दी में मौजूद दुष्टों, बदमाशों को बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। इनकी वजह से हमारे सिर शर्म से झुक जाते हैं। हम पुलिस की व्यवहारगत सुधार और फोर्स के मानवीयकरण के लिए सुधारात्मक कदम उठाएंगे, जिसकी अब तक उपेक्षा होती रही है। अब यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता का एजेंडा रहेगा।

मृतक विवेक की पत्नी ने पुलिस और राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। मृतक विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने कहा कि पुलिस को मेरे पति को मारने का कोई हक नहीं था। मैं यूपी के सीएम से मांग करती हूं कि वह यहां आएं और मुझसे बात करें। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सामने से गोली मारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस कह रही थी कि मेरे पति आपत्तिजनक अवस्था में पाये गये थे। तो मैं कहती हूं कि आपने उन्हें पकड़ा क्यों नहीं। क्या कार को नहीं रोकना क्या कोई अपराध है? मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हूं कि यह किस तरह की कानून-व्यवस्था है।''

मामले में एसआईटी गठित

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने विवेक तिवारी हत्या मामले में कहा कि यह दुखद घटना है। यह हत्या का मामला है और दोनों ही सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों पुलिसवाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। वहीं, लखनऊ के SSP कलानिधि नैथानी ने कहा कि लखनऊ में पुलिस की गोली से एप्पल के एरिया मैनेजर की हत्या मामले में एसपी अपराध के अंतर्गत SIT गठित की जा चुकी है। मैंने व्यक्तिगत तौर पर जिला मजिस्ट्रेट से मजिस्ट्रेट इंक्वायरी की मांग की है।

संदिग्ध स्थिति में लिया एक्शन

इस मामले में पुलिस का कहना है कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था। गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने कहा कि तिवारी ने वहां से कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, इसी क्रम में पहले उसने पहले पुलिस की पेट्रोलिंग वाली बाइक में और फिर बाद में दीवार को भी टक्कर मारी।

ख़बर ये भी है कि पुलिस ने विवेक की महिला मित्र को उसके घर में ही नज़रबंद कर दिया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लखनऊ के पुलिस कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गोली चलाने की नौबत क्यों आई। लखनऊ पुलिस का कहना है कि कॉन्स्टेबल ने आत्म-रक्षा के लिए गोली चलाई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी कॉन्स्टेबल को लगा कि कार के भीतर शायद अपराधी हो सकते हैं।

रविवार को किया विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार
रविवार को विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार किया गया ।इस दौरान योगी में कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और आशुतोष टंडन ने मृतक विवेक तिवारी के परिजनों से भैंसाकुंड पहुंचकर मुलाकात की। उनके आवास पर कड़ी सुरक्षा के बीच पार्थिव शरीर को अंतिम क्रिया के लिए तैयार किया गया। बैकुंठ धाम में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी की गई थी। वहां पर प्रदेश सरकार की तरफ से विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन 'गोपाल' माजूद थे। इस अवसर पर मंत्री ब्रजेश पाठक ने पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया। विवेक तिवारी के बड़े भाई राजेश तिवारी ने उनको मुखाग्नि दी। उस समय वहां का माहौल बेहद गमगीन हो गया।

नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग

मृतक की पत्नी ने पुलिस विभाग में नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगी। इस बीच लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज ने परिवार के एक सदस्य को नगर निगम में नौकरी और आर्थिक सहायता के रूप में 25 लाख रुपये देने का लिखित आश्वासन दिया।

पढ़िए पूरा घटनाक्रम...

गोमतीनगर विस्तार में सीएमएस स्कूल के पास शुक्रवार रात करीब डेढ़ बजे एक कार खड़ी थी। उसी दौरान बाइक से गोमतीनगर थाने में तैनात सिपाही प्रशांत चौधरी और एक अन्य सिपाही वहां पहुंचे। दोनों ने कार में एक युवक और युवती को देखा तो मामला संदिग्ध समझ उनसे पूछताछ के लिए कार के पास पहुंचे। इतने में ही कार चला रहे मैनेजर विवेक तिवारी ने गाड़ी बढ़ा दी। पुलिस का कहना है कि उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो विवेक ने कार चढ़ाने की कोशिश की। इससे सिपाहियों को चोटें भी आई और उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस पर भी जब कार नहीं रुकी तो सिपाही प्रशांत चौधरी ने फायरिंग कर दी। गोली सीधे विवेक के सिर में लगी। उसके बाद कुछ दूरी पर गाड़ी एक दीवार से टकराकर रुक गई।विवेक के साथ कार में बैठी उनकी कंपनी की कर्मचारी सना ने बताया कि विवेक के सिर से खून बहता देख उसने मदद के लिए गुहार लगाई। कुछ देर बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। तत्काल विवेक को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।