उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एप्पल कंपनी के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मारने का मामला अब सियासी रूप ले चुका है। इस पूरी घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला बोला है। एक ट्वीट करके केजरीवाल ने बीजेपी से पूछा कि विवेक तिवारी तो हिंदू था, फिर उसे क्यों मारा गया। इस घटना के बाद यूपी पुलिस की हर जगह किरकिरी हो रही है।
लखनऊ शूटआउट को लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार सुबह दो ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, 'अपनी आंखों से पर्दा हटाइए। भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है। सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े, तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे।
हालांकि, अब केजरीवाल के ट्वीट के बाद ट्विटर वार शुरू हो गया है। कपिल मिश्रा ने रीट्वीट करते हुए कहा, 'आप मोदी और बीजेपी के विरोध में पागल हो चुके हैं, इलाज करवाइये।'
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने भी केजरीवाल को घेरावहीं, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इसे अरविंद केजरीवाल की ओछी सोच करार दिया। तिवारी ने ट्वीट किया, 'आप कार्यकर्ता केजरीवाल की ओछी सोच देख लो।' दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि विवेक तिवारी की हत्या हुई है, कसूरवार को सजा मिलेगी, हम उसके परिवार के साथ खड़े हैं।
वही इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है। हम इसकी पूरी जांच कराएंगे। पहली नजर में दोषी दिख रहे पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे।
योगी के मंत्री के विवादित बयान, कहा - 'उसी को गोली लग रही है, जो वास्तव में क्रीमिनल है'यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि इस घटना की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे। वहीं, दूसरी तरफ उनकी सरकार के सिचाई मंत्री ने इस मामले में विवादित बयान दिया है। योगी सरकार के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 'गोली उन्हीं को लग रही है, जो वास्तव में अपराधी हैं। विवेक तिवारी की हत्या के मामले में उन्होंने यह भी कहा कि जो गलती करेगा उसको दंड मिलेगा, किसी भी हाल में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में ऐसी कोई गलती नहीं हुई। उसी को गोली लग रही है, जो वास्तव में क्रीमिनल है। न्याय सबको मिलेगा। जो गलती करेगा उसको दंड मिलेगा।
नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांगमृतक की पत्नी ने पुलिस विभाग में नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगी। इस बीच लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज ने परिवार के एक सदस्य को नगर निगम में नौकरी और आर्थिक सहायता के रूप में 25 लाख रुपये देने का लिखित आश्वासन दिया।
संदिग्ध स्थिति में लिया एक्शनइस मामले में पुलिस का कहना है कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था। गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने कहा कि तिवारी ने वहां से कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, इसी क्रम में पहले उसने पहले पुलिस की पेट्रोलिंग वाली बाइक में और फिर बाद में दीवार को भी टक्कर मारी।
ख़बर ये भी है कि पुलिस ने विवेक की महिला मित्र को उसके घर में ही नज़रबंद कर दिया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लखनऊ के पुलिस कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गोली चलाने की नौबत क्यों आई। लखनऊ पुलिस का कहना है कि कॉन्स्टेबल ने आत्म-रक्षा के लिए गोली चलाई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी कॉन्स्टेबल को लगा कि कार के भीतर शायद अपराधी हो सकते हैं।