विकास दुबे एनकाउंटर / बेटे की मौत के बाद मां ने खुद को किया घर में बंद, तबीयत हुई खराब

गैंगस्टर विकास दुबे की मौत के बाद मां सरला देवी ने मीडिया से दूरी बना ली और अपने आप को अपने घर में बंद कर लिया। यह भी कहा जा रहा है कि उनकी तबीयत भी बिगड़ गई है। हालांकि इस बीच सरला देवी ने पुलिस से कहा कि बेटे विकास दुबे से उनका कुछ लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही मां सरला देवी ने पुलिस से कहना है कि वो कानपुर नहीं जाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वो लखनऊ में हैं और वहीं रहना चाहती हैं। वहीं, एक दिन पहले विकास दुबे के पकड़े जाने पर उन्होंने कहा था कि सरकार जो 'उचित' समझे वह करे।

अभी तक हालांकि गैंगस्टर के परिवार का कोई भी सदस्य उसकी मौत की खबर सुनने के बाद अस्पताल नहीं पहुंचा है। विकास के पिता कानपुर में ही हैं। पोस्टमार्टम के बाद विकास का शव उन्हें सौंपा जाएगा। कृष्णा नगर क्षेत्र में लखनऊ आवास के बाहर कई पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

पत्नी और नाबालिग बेटे को पुलिस ने छोड़ा

उधर, पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा और उसके नाबालिग बेटे को छोड़ दिया है। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि ऋचा की कानपुर शूटआउट में कोई भूमिका नहीं मिली है। वारदात के समय ऋचा मौके पर मौजूद नहीं थी। हालांकि, नौकर महेश अभी मुक्त नहीं हुआ है। उससे पूछताछ जारी है।

कोरोना रिपोर्ट आई नेगेटिव

वहीं, कानपुर मुठभेड़ में ढेर गैंगस्टर विकास दुबे का पोस्टमार्टम से पहले कोरोना टेस्ट कराया गया। जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जानकारी के मुताबिक, डॉक्टरों की एक टीम ने विकास दुबे के शरीर से सैंपल लिए थे। वहीं वीडियोग्राफी के साथ डॉक्टरों की एक टीम उसका पोस्टमार्टम कर रही है। पोस्टमार्टम से पहले शरीर में फंसी गोलियों का पता लगाने के लिए विकास दुबे के शव को एक्सरे के लिए भेजा गया था।

यूपी के ए़डीजी कानून एवं व्यवस्था (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान 3 सब-इंस्पेक्टर, 1 कांस्टेबल और 2 एसटीएफ कमांडो घायल हुए हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक कानपुर मुठभेड़ में कुल 21 अभियुक्त नामजद थे और 60 से 70 अन्य अभियुक्त थे। इस मामले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, 6 आरोपी मारे गए, 7 लोगों को जेल भेजा गया, वहीं 12 वांछित अपराधी अभी भी फरार हैं।

कौन था विकास दुबे

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी था। साल 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप था।

उज्‍जैन से गिरफ्तार हुआ था विकास दुबे

यूपी का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। मध्‍य प्रदेश पुलिस ने उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया था। उसे सड़क मार्ग से यूपी एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी। इससे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर में गुरुवार को एक व्यक्ति ने खुद को यूपी का मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे बताने लगा था। बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर परिसर में पहुंच कर यह शख्स चिल्ला-चिल्ला कर ख़ुद को विकास दुबे बता रहा था। उसे फौरन मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड ने पकड़ लिया और पुलिस को इसकी सूचना दी थी।