दो महीने में 14वीं बार कांपी दिल्ली की धरती, विशेषज्ञों ने जताई चिंता, कहा - बड़े भूकंप की आशंका

देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास की धरती एक बार फिर भूकंप से कांपी है। 8 जून 2020 यानी आज सोमवार दोपहर करीब 1 बजे 2.1 तीव्रता का झटका महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर बताया जा रहा है। हालांकि, इस भूकंप से अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। लगातार धरती हिलने की वजह से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़े भूकंप के आने की आशंका है। ऐसी आशंका देश के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने जताई है। इसके पीछे कारण ये है कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi - NCR) में पिछले एक महीने से लगातार छोटे-छोटे भूकंप के कई झटके आ चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटकों की शुरुआत 12 अप्रैल से हुई। तब से अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग दिन 12 बार झटके लग चुके हैं। ऐसे में एक्‍सपर्ट्स चिंतित हैं। उनका कहना है कि भूकंप के इन झटकों को हल्‍के में नहीं लिया जाना चाहिए। ये किसी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं।

सवाल ये है कि क्या यह किसी बड़ी अनहोनी का संकेत है या फिर सामान्य बात ही है? जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने आशंका जताई है कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। लेकिन ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मुश्किल है। राजेंद्रन ने ये बातें एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में कहीं हैं।

भारत सरकार के रिकॉर्ड बताते हैं कि राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर (Delhi-NCR) भूकंप को लेकर अधिक तीव्रता वाले जोन 4 में आते हैं। जहां रिक्‍टर पैमाने पर 8 तीव्रता वाले भूकंप की भी आशंका होती है। लगभग 60% अनियोजित तरीके से बसी दिल्ली में 80 फीसद इमारतें असुरक्षित हैं। ऐसे में ज्यादा भूकंप आने पर जानमाल का नुकसान होने का डर बना रहता है।

दो महीने में आए भूकंप:-

- 12 अप्रैल 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5, केंद्र दिल्ली

- 13 अप्रैल 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.7, केंद्र दिल्ली

- 16 अप्रैल 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2, केंद्र दिल्ली

- 3 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3, केंद्र दिल्‍ली

- 6 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.3, केंद्र फरीदाबाद

- 10 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.4, केंद्र दिल्ली

- 15 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.2, केंद्र दिल्ली

- 28 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.5, केंद्र फरीदाबाद

- 29 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.9 और 4.5, केंद्र रोहतक

- 1 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.0 और 1.8 , केंद्र रोहतक

- 3 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2, केंद्र फरीदाबाद

- 5 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1, केंद्र जमशेदपुर

- 8 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.1, केंद्र दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर

सिस्मिक जोन 4 में आती है दिल्ली

सिस्मिक जोन चार में शामिल दिल्ली भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील है। पूर्वी और पुरानी दिल्ली को संकरा और दलदली जमीन पर बसा होने के कारण कहीं अधिक संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में यहां खतरा हमेशा से ज्यादा रहा है।

क्यों आता है दिल्ली में भूकंप

दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं। इसमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं। इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हैं। ये सारे फॉल्टस हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट से सटे हुए हैं, ऐसे में हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट में होने वाले बदलावों की वजह से दिल्ली के आसपास के फॉल्टस हिलते हैं या कांपते हैं जिनकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस होते हैं। हिमालयन टेक्टोनिक प्लेट के नीचे हो रही गतिविधियों से धरती के अंदर दबाव बनता है। ये दबाव जब रिलीज होता है तब भूकंप आता है। ये हल्के भी हो सकते हैं या फिर खतरनाक। ऐसे ही दबाव के रिलीज होने का नतीजा था 29 मई को रोहतक में आया 4.6 तीव्रता का भूकंप।

बड़े भूकंप की आशंका

दिल्ली के आसपास मौजूद फॉल्टस की वजह से 6.5 तीव्रता तक का भूंकप आ सकता है। सीपी राजेंद्रन ने बताया कि सेंट्रल हिमालयन फुटहिल्स में बड़े भूकंप की आशंका है। क्योंकि इस इलाके में सैकड़ों सालों से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। ये बेहद शांत है। यही बात खतरनाक है। राजेंद्रन ने बताया कि इंडियन प्लेट लगातार उत्तर की ओर खिसक रही है। इसकी वजह से हिमालय में दबाव बन रहा है। जिस दिन ये दबाव रिलीज होगा, एक भयानक भूकंप या भूकंपों की श्रृंखला आ सकती है। लेकिन ये कब होगा ये बता पाना बेहद मुश्किल है। हिमालय की तरफ से भूकंप आएगा तो दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र पर ज्यादा असर पड़ेगा। दिल्ली सीसमिक जोन 4 में हैं। यानी ज्यादा खतरनाक और संवेदनशील इलाके में है। भूकंप आएगा तो दिल्ली एनसीआर में भयावह तबाही का मंजर देखने को मिलेगा।