टेंट से भव्य राम मंदिर में विराजमान हुए भगवान श्रीराम, प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण, 500 साल पुराना सपना साकार

अयोध्या।अयोध्या में भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के हिस्से के रूप में मंगल ध्वनि के बीच लाल कपड़े पर रखा चांदी का छत्र लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवनिर्मित राम मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़े और 84 सेकंड के अभिजीत मुहूर्त के भीतर संकल्प लेकर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा किया। इसके बाद वह शेष अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए मंत्रोच्चार के बीच 'गर्भ गृह' में चले गए। पांच साल पुरानी रामलला की भव्य पांच फीट ऊंची प्रतिमा का आखिरकार दुनिया के सामने अनावरण किया गया।

मंदिर के गर्भगृह में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। यह समारोह शंखनाद और हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर पर फूलों की वर्षा के बीच पूरा हुआ। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई और 500 साल का सपना आखिरकार साकार हो गया।

तब 14 साल का था वनवास, पर इस युग में राम से वियोग 500 साल चला

तब 14 साल वनवास था, लेकिन इस युग में भगवान राम से वियोग 500 साल तक चला। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए। लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया। पीएम मोदी ने त्रेतायुग का जिक्र करते हुए कहा कि उस कालखंड में वो वियोग तो केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है।

राम भारत का आधार और विचार

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है। मोदी ने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है।

यही समय है, सही समय है


इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदलाव की भी बात कही। उन्होंने कहा कि आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी इसलिए मैं कहता हूं यही समय है, सही समय है।