CWC Meeting : राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की, CWC ने कहा- इस्तीफा नहीं दें

कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में जारी है। इस बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई नेता मौजूद हैं। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election) में बीजेपी की शानदार जीत और कांग्रेस की करारी हार के बाद अपना वजूद तलाश रही पार्टी ने आज हार पर मंथन करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक बुलाई है। इसमें राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की। हालांकि, कार्यकारिणी के सदस्यों ने इसे नामंजूर कर दिया। बैठक में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेता मौजूद हैं। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है। कांग्रेस को लोकसभा की 542 सीटों में से मात्र 52 सीटों पर जीत मिली है। 2014 में कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं, इस बार पार्टी को आठ सीटों का फायदा हुआ। खासकर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जहां पार्टी ने पांच महीने पहले ही विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके अलावा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुई हार पर भी मंथन हो सकता है। यहां कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन इस बार भाजपा ने 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पिछले 45 मिनट से जारी है। इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं पहुंचे हैं। कमलनाथ दो दिन से भोपाल में घर पर ही हैं, कल उन्होंने दिग्विजय सिंह से मुलाकात की थी। उन्होंने हार की समीक्षा के लिए विधायकों की बैठक बुलाई है। मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से कांग्रेस को मात्र एक सीट पर जीत मिली है।

इस्तीफे की पेशकश से राहुल यह संदेश देना चाहते हैं कि पार्टी के 2014 जैसे बुरे प्रदर्शन के लिए वे भी जिम्मेदार हैं। 2014 में कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं, इस बार पार्टी को आठ सीटों का फायदा हुआ। माना जा रहा कि बैठक में पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली हार पर चर्चा हो सकती है। खासकर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जहां पार्टी ने पांच महीने पहले ही विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके अलावा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुई हार पर भी मंथन हो सकता है। यहां कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन इस बार भाजपा ने 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा।