‘अली बजरंगबली’ वाले बयान पर CM योगी का चुनाव आयोग को जवाब- 'दोबारा नहीं बोलूंगा'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'अली बजरंगबली' वाले अपने बयान पर चुनाव आयोग को जवाब सौंपा है। सीएम योगी ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह भविष्य में अब कोई ऐसा बयान नहीं देंगे। यूपी सीएम ने चुनाव आयोग को भेजे जवाब में कहा कि वह भविष्य में ऐसा बयान देने से परहेज करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 अप्रैल को मेरठ में एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर अगर कांग्रेस-बीएसपी-एसपी को 'अली' पर विश्वास है तो उन्हें भी बजरंगबली पर विश्वास है। सीएम योगी के इस बयान पर चुनाव आयोग ने उन्हें प्रथम दृष्टया धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर यह नोटिस भेजा था। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्वाचन आयोग से कहा कि अली-बजरंगबली वाले बयान पर उनकी मंशा गलत नहीं थी। सीएम ने कहा कि आयोग के आपत्ति और नोटिस के बाद वह आयोग को विश्वास दिलाते हैं कि भविष्य में पूरा ध्यान रखेंगे। अब निर्वाचन आयोग तय करेगा कि वो योगी के इस जवाब से सन्तुष्ट है या नहीं।

वहीं, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती को भी आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सूत्रो के मुताबिक, मायावती ने भी अपना जवाब नई दिल्ली में चुनाव आयोग को भेज दिया है।

मायावती को देवबंद में उनके भाषण में मुसलमानों से किसी विशेष पार्टी को वोट न देने की अपील करने के लिये नोटिस जारी किया गया था। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि बसपा प्रमुख ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था।

वहीं, आदित्यनाथ को मेरठ में एक रैली को संबोधित करते हुए उनकी "अली" और "बजरंग बली" वाली टिप्पणी के लिए नोटिस दिया गया था। बीजेपी नेता आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनावों की तुलना इस्लाम में श्रद्धेय 'अली' और हिंदू देवता बजरंग बली के बीच मुकाबले से की थी। आदित्यनाथ ने कहा था, "अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को 'अली' पर विश्वास है तो हमें 'बजरंग बली' पर विश्वास है।

योगी के बयान का आज़म खान का पलटवार, सभा में बोले- 'बजरंग अली ले लो जालिमों की बलि'

बजरंगबली पर इस बहस में अब आजम खान भी शामिल हो गए हैं। आजम खान ने रामपुर में योगी आदित्यनाथ के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने एक जनसभा को संबोदित करते हुए कहा कि 'अली और बजरंग बली में झगड़ा मत करवाओ। मैं इसके लिए एक नाम दिए देता हूं। बजरंग अली से मेरा दीन कमजोर नहीं होता। योगी जी ने कहा कि हनुमान जी दलित थे और फिर उनके किसी साथी ने कहा कि हनुमान जी ठाकुर थे। फिर पता चला कि वह ठाकुर नहीं जाट थे। फिर किसी ने कहा कि वह हिंदुस्तान के नहीं श्रीलंका के थे लेकिन बाद में एक मुसलमान ने कहा कि बजरंगबली मुसलमान थे। झगड़ा ही खत्म हो गया। हम अली और बजरंग एक हैं। बजरंग अली तोड़ दो दुश्मन की नली। बजरंग अली ले लो जालिमों की बलि।'