मेनका की मुस्लिमों के साथ सौदेबाजी कहा - 'मुझे वोट नहीं दिया तो नौकरी के लिए मत आना'

पीलीभीत छोड़कर इस बार सुल्तानपुर से चुनाव लड़ने पहुंचीं बीजेपी की कद्दावर नेता मेनका गांधी के विवादित बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आम चुनाव 2019 के प्रचार अभियान में कई रंग दिखाई दे रहे हैं कभी अली तो कभी बजंरग बली और कभी बजंरग अली। इन सबके बीच मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में मुसलमानों के संबंध में टिप्पणी की जिसमें दर्द भी छलका, प्रेम भी झलका और सियासत का तड़का भी। अब मूल विषय पर आते हैं। इस वीडियो में जनता से वोट लेने की प्रक्रिया को मेनका गांधी सौदेबाजी करार देती दिख रही हैं।

मेनका गांधी वीडियो में साफ कहती सुनाई पड़ रही हैं, 'मैं जीत रही हूं लोगों की मदद और प्यार से। लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा, क्योंकि इतना मैं बता देती हूं कि दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए तो मैं सोचती हूं कि रहने ही दो, क्या फर्क पड़ता है? आखिर नौकरी एक सौदेबाजी ही तो होती है। हम सब महात्मा गाधी की छठवीं औलाद तो हैं नहीं कि हम देते ही जाएंगे और फिर इलेक्शन में मार खाते जाएंगे।' इसके बाद प्रियंका ने पीलीभीत का जिक्र करते हुए कहा कि आप वहां अपने लोगों से पूछ सकते हैं कि अगर हमसे कोई गुस्ताखी हुई हो तो फिर मुझे वोट मत दीजिएगा।

जिस सभा को मेनका संबोधित कर रही हैं उसमें ज्यादातर लोग अल्पसंख्यक समुदाय के ही दिखाई दे रहे हैं। मेनका यह भी कहती हैं कि मैं आपके पास दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं। लेकिन, अगर चुनाव नतीजों के समय के आपके पोलिंग बूथ से हमारे लिए सिर्फ सौ या पचास वोट निकले तो समझ लीजिएगा।