Lok Sabha Election 2019 Results: जानें किसके सिर सज सकता है लोकतंत्र का ताज, एक नजर

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के ल‍िए फैसले की घड़ी आ गई है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक भारत में मतगणना की प्रक्रिया 23 मई यानी गुरुवार को सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। पहली बार ईवीएम गणना के साथ मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट पर्चियों (वीवीपैट) का मिलान किए जाने के कारण, देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है। इस बार 542 सीटों पर 8,000 से अधिक प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। सात चरणों में हुए मतदान में 90.99 करोड़ मतदाताओं में से करीब 67.11 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। ऐसे में हर किसी की निगाह टिकी हुई है कि देश की जनता किसे अपने नुमांइदे के रूप में देख रही है। औपचारिक नतीजों से पहले एग्जिट पोल से साफ है कि देश की जनता ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार में भरोसा जताया है। लेकिन क्या वो भरोसा 17 वीं लोकसभा में भी बरकरार रहेगा ये देखने वाली बात होगी। भारतीय संसदीय चुनाव में यह सबसे अधिक मतदान है। लोकसभा चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के परिणामों का मिलान पेपर ट्रेल मशीनों से निकलने वाली पर्चियों से किया जाएगा। यह मिलान प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केंद्रों में होगा। प्रक्रिया के मुताबिक, सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी। ड्यूटी पर तैनात मतदाताओं (सर्विस वोटर) की संख्या करीब 18 लाख है। इनमें सशस्त्र बल, केन्द्रीय पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के जवान शामिल हैं जो अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर तैनात हैं। विदेश में भारतीय दूतावासों में पदस्थ राजनयिक और कर्मचारी भी सेवा मतदाता हैं। इन 18 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से 16.49 लाख ने 17 मई को अपने अपने रिटर्निंग अधिकारियों को डाक मतपत्र भेज दिए थे।

मतगणना की प्रक्रिया :

मतगणना आरओ द्वारा नियुक्त मतगणना सुपरवाइजरों द्वारा की जाती है। मतगणना हाल में उम्मीदवार अपने मतगणना एवं चुनाव एजेंटों के साथ मौजूद रहते हैं।

मतों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) और पोस्टल बैलेट (पीबी) की गणना से शुरू होती है। इन मतों को सीधे आरओ की निगरानी में गिना जाता है। पीबी की गणना शुरू होने के आधा घंटे बाद ईवीएम मतों की गणना शुरू की जाती है। हर राउंड की समाप्ति पर 14 ईवीएम के नतीजों का ऐलान किया जाता है।

वीवीपैट पर्चियों की गणना की प्रक्रिया क्या है :

प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा खंड की एक-एक ईवीएम को रैंडम तरीके से वीवीपैट मिलान के लिए चुना जाता है। वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन हाल में स्थित एक सुरक्षित वीवीपैट मतगणना बूथ के अंदर किया जाता है। ईवीएम मतों की गिनती के बाद हाल में किसी भी मतगणना मेज को वीवीपैट मतगणना बूथ में बदला जा सकता है।

एग्जिट पोल और औपचारिक नतीजों से पहले जानें कौन हो सकता है देश का अगला चेहरा
23 मई को मतगणना से पहले विपक्षी दल, चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और अपनी आशंका को अधिकारियों के सामने रखा। ये बात अलग है कि चुनाव आयोग ने सभी आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पारदर्शी ढंग से मतदान प्रक्रिया संपन्न हुआ था। जहां तक मतगणना और ईवीएम में गड़बड़ी का सवाल है, इसे लेकर किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए। ये बात अलग है कि चुनाव आयोग के जवाब से विपक्षी दलों के नेता संतुष्ट नहीं नजर आए। लेकिन इन सबके बीच दिल्ली में बीजेपी दफ्तर में केंद्रीय मंत्रिमंडल के साथ साथ एनडीए के घटक दलों की बैठक हुई जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए।

एनडीए की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी दोबारा दावेदार हैं

एग्जिट पोलों में भाजपा नीत राजग के दोबारा सत्ता में आने की संभावनाएं जाहिर किए जाने के बीच अमित शाह ने एक बैठक की जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इस बैठक में पीएम मोदी जीत के आत्मविश्वास से भरे हुए नजर आए। इस बैठक पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि लोगों के अपार जनसमर्थन से अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। 'आभार मिलन' नाम से आयोजित की गई इस बैठक के दौरान मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार को एक तीर्थयात्रा से जोड़ते हुए कहा कि यह चुनाव अन्य चुनाव से अलग रहा क्योंकि इसे अकेले पार्टी ने नहीं बल्कि जनता ने लड़ा। भाजपा ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा ‘‘मैंने कई चुनाव देखे हैं लेकिन यह चुनाव राजनीति से परे है। इसे जनता ने लड़ा। मैंने कई विधानसभा चुनाव और पिछले लोक सभा चुनाव में प्रचार अभियान में हिस्सा लिया है। इस दौरान देशभर का दौरा भी किया, इस बार का चुनाव प्रचार मुझे ऐसा लगा कि जैसे तीर्थयात्रा हो।'' बीजेपी के केंद्रीय दफ्तर में जिस तरह से बीजेपी नेताओं की भावभंगिमा दिखी उससे लग रहा है कि एनडीए पूरी तरह आश्वस्त है कि इस दफा भी देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा जताया है और वो देश के पीएम दोबारा बनने जा रहे हैं।

यूपीए की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम पद के दावेदार

अगर कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए गठबंधन में देश की जनता भरोसा जताती है तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का प्रधानमंत्री बनना तय है, हालांकि कांग्रेस या यूपीए की तरफ से राहुल गांधी के नाम का औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन बीएसपी अध्यक्ष मायावती अपनी इच्छा जाहिर कर चुकीं हैं। इसके साथ ही एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कह चुके हैं कि उन्हें यकीन है पीएम नरेंद्र मोदी दोबारा सरकार नहीं बनाएंगे। लेकिन उनकी तमन्ना के साथ साथ विश्वास है कि देश को अगली पीएम उत्तर प्रदेश से ही मिलेगा।

इसके साथ एक तस्वीर ये भी बन सकती है कि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत हासिल न हो। ऐसे हालात में तीसरे मोर्चे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस तरह की तस्वीर में पीएम पद के कई दावेदार हो सकते हैं।

अन्य दावेदारों में ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, मायावती और के चंद्रशेखर राव शामिल

इसके अलावा पीएम पद की रेस में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का नाम भी चर्चा के केंद्र में है। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू गैर बीजेपी दलों को एक साथ लाने की कवायद में जुटे हैं। इसके अलावा हाल ही में तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने तमिलनाडु में डीएमके मुखिया एम के स्टालिन से मुलाकात की थी। इतनी संभावनाओं को 23 मई अधिकतम 24 मई तक विराम लग जाएगा। लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई नामों की चर्चा है, जिसे लेकर हर कोई अपने हिसाब से अंदाज लगा रहा है।