मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को वैश्विक आतंकी नेटवर्क के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद), महाराष्ट्र से जुड़े मॉड्यूल से जुड़े आईएसआईएसआई आतंकी साजिश मामले में दो लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
मोहम्मद जोहेब खान, जिसे इस साल फरवरी में कई स्थानों पर तलाशी के बाद एनआईए ने गिरफ्तार किया था, को लीबिया स्थित मोहम्मद शोएब खान के साथ आईएसआईएस के भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने की साजिश में एनआईए ने आरोपपत्र दाखिल किया है। उन्होंने भारत भर में संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमले करने के लिए कमजोर युवाओं को भर्ती करने की साजिश रची थी।
एनआईए की विशेष अदालत, मुंबई के समक्ष आज दाखिल आरोपपत्र में दोनों को मामले (एनआईए आरसी-01/2024/एनआईए/एमयूएम) में मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है और उन पर आईपीसी और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए ने आरोपपत्र में आईएसआईएस/आईएस के विदेश स्थित संचालकों की संलिप्तता के साथ साजिश में अंतरराष्ट्रीय संबंधों को उजागर किया है।
आतंकवाद निरोधी एजेंसी द्वारा मामले में पहले की गई जांच में दोनों आरोपियों से जुड़ी भारत विरोधी गतिविधियों का एक जाल सामने आया था। भारत में आईएसआईएस के मॉड्यूल के नेटवर्क को खत्म करने के लिए अथक प्रयास कर रही एनआईए ने पाया था कि दोनों लोगों ने आईएसआईएस के स्वयंभू खलीफा के प्रति ‘बयात’ (वफादारी की शपथ) ली थी।
साजिश के तहत भारत में कई आतंकी हमले करने के बाद अफगानिस्तान या तुर्की भागने की योजना बनाने वाले आरोपियों को ISIS की चरमपंथी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए एक वेबसाइट बनाने में भी सक्रिय रूप से शामिल पाया गया। उन्होंने वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के युवाओं को ISIS में शामिल करने की योजना बनाई।
जांच में यह भी पता चला कि मोहम्मद शोएब खान द्वारा भर्ती किए गए मोहम्मद जोहेब खान ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। उसने औरंगाबाद क्षेत्र के 50 से अधिक युवाओं को भारत में ISIS की नापाक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के इरादे से ग्रुप में जोड़ा था।
आरोपी विस्फोटक बनाने और आईईडी बनाने से जुड़े वीडियो शेयर कर रहे थे। उन्होंने एक विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की थी, जिसमें भारत में कई जगहों पर आतंकी हमलों की योजना बनाना, तैयारी करना और उन्हें अंजाम देना और हमलों को अंजाम
देने के बाद की जाने वाली कार्रवाई शामिल थी। एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपियों ने भारत की सुरक्षा, इसके धर्मनिरपेक्ष लोकाचार और संस्कृति और शासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरे में डालने की साजिश रची थी।