डेंगू के सामने विफल हो रहा चिकित्सकीय ढांचा, दिखा 70 साल में सबसे खतरनाक रूप, मिले पिछले साल से 510% अधिक रोगी

राजस्थान में डेंगू का कहर विक्राल रूप लेता नजर आ रहा हैं जहां 70 साल में सबसे खतरनाक आंकड़ा सामने आ रहा हैं जिसके सामने सरकार का चिकित्सकीय ढांचा विफल होता दिखाई दे रहा हैं। ऐसे में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर लगातार सवाल दागे जा रहे हैं जो गुजरात कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने के बाद से प्रदेश के बाहर दौरे कर रहे हैं। चिकित्सा-स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा दोनों का जिम्मा अभी एक आईएएस अफसर के पास है। कोरोना के बाद डेंगू जानलेवा बन चुका है, लेकिन विभाग में सीनियर आईएएस एक भी नहीं हैै। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव को ही पूरे स्वास्थ्य का भी कार्यभार दे रखा है।

एक महीने में ही प्रदेश के 33 में से 30 जिलों में 6797 रोगी हो गए हैं, जबकि 100 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि विभाग 10 ही मौतें बता रहा है। पिछले साल डेंगू के पूरे साल 1331 रोगी मिले थे, लेकिन इस बार एक महीने में ही रिकॉर्डताेड़ मरीज मिले हैं। यानी डेंगू पिछले साल से 510% अधिक रोगी मिले हैं। अकेले जयपुर में ही 1411 से अधिक डेंगू रोगी मिल चुके हैं।

जयपुर और कोटा के जेके लोन जैसे अस्पताल में एक बेड पर 3-3 मरीजों को भर्ती हैं। बांसवाड़ा, सिरोही और जालोर ही ऐसे जिले हैं, जहां अब तक डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला है। डेंगू जैसे जैसे पैर पसार रहा है, अस्पतालों में जांच के लिए कतारें भी पसर रही हैं। कई घंटे लाइन में लगने के बाद नंबर आ रहा है। प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में ऐसे ही हाल हैं। कई जगह तो डेंगू जांच की किट भी कम पड़ रही हैं।