कुंभ मेला : उत्तरप्रदेश सरकार ने इंतजामों पर खर्च किए 4200 करोड़, लेकिन 2000 टन कचरे का डेढ़ महीने बाद भी निपटारा नहीं

कुंभ के दौरान साफ-सफाई के लिए वाहवाही लूटने वाली उत्तरप्रदेश सरकार अब मेला क्षेत्र से इकट्ठा हुए करीब 2000 टन कचरे को वहा से साफ़ करने में नाकाम साबित हो रही है। 45 दिन चले कुंभ मेला पर सरकार ने 4200 करोड़ रुपए खर्च किए थे। मेला क्षेत्र से लगे गांवों बसवार, ठाकुरपुरवा, मोहब्बतगंज, बुंगी और सिमता के लोगों को कहना है कि कूड़े का बारिश से पहले निपटारा नहीं हुआ तो परेशानियां बहुत बढ़ जाएंगी। गंदगी और मच्छरों की वजह से यहां रहना मुश्किल हो जाएगा।

इस कचरे को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने सेवानिवृत जस्टिस अरुण टंडन की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति बनाई थी। समिति ने कहा था कि यह कचरा खुले में रखा गया है, जो लोगों के लिए परेशानियां पैदा कर रहा है। पिछले महीने एनजीटी ने प्रयागराज प्रशासन से यह समस्या तत्काल हल करने को कहा था।

पहले शिकायत मिली थी कि मेला क्षेत्र से लगा बसवार गांव स्थित सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सितंबर 2018 से बंद है। इस पर उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव ने जवाब मांगा था। तब प्लांट के प्रबंधकों ने अपने जवाब में कहा था कि प्लांट की क्षमता रोजाना 400 टन कचरा निपटाने की है, जबकि यहां 600 टन कचरा पहुंच रहा है।