कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने पाकिस्तान को 15-1 से दी मात, ICJ ने सुनाया ये फैसला

कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ के फैसले साथ ही पाकिस्तान का दोहरा रवैया एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया। इंटरनेशनल कोर्ट के 16 में से 15 जजों ने फैसला भारत के पक्ष में दिया। फैसले में कहा गया कि कुलभूषण जाधव को बिना किसी देरी के उनके अधिकारों के बारे में नहीं बताकर पाकिस्तान ने विएना संधि के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है।

अदालत ने कहा, 'पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया, और इस तरह से पाकिस्तान ने विएना संधि के आर्टिकल 36 का उल्लंघन किया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव से मिलने, बात करने और न्यायिक प्रतिनिधित्व करने से भी रोका और ये भी विएना संधि का उल्लंघन है।'

अदालत ने ये आदेश दिया कि पाकिस्तान तत्काल प्रभाव से कुलभूषण जाधव को उनके अधिकारों के बारे में बताए और उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस दे। काउंसलेर एक्सेस का मतलब ये हुआ कि भारत के अधिकारी पाकिस्तान की जेल में कुलभूषण से मिल सकेंगे। अदालत ने ये भी कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को दी गई फांसी की सजा पर जरूर पुनर्विचार करे। यानी एक तरह से फिलहाल कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी गई है।

सिर्फ 1 रुपया खर्च कर भारत ने जीत लिया कुलभूषण जाधव केस

कुलभूषण जाधव का मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत में लड़ने के लिए पाकिस्तान को 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने पड़े वही भारत ने सिर्फ 1 रुपए खर्च किया है। देश के जाने माने वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण का केस लड़ने के लिए फीस के तौर पर सिर्फ 1 रुपया लिया है। वही पाकिस्तान ने जाधव को जासूस साबित करने के लिए अपने वकील पर 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिए। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 15 मई 2017 को एक ट्वीट में यह जानकारी दी थी कि हरीश साल्वे ने जाधव का केस लड़ने के लिए एक रुपये लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरीश साल्वे की एक दिन की फीस करीब 30 लाख रुपये है, लेकिन जाधव का केस उन्होंने महज एक रुपये में लड़ा। वह 1999 से 2002 तक देश के सॉलिसिटर जनरल रहे। उनके पिता एनकेपी साल्वे पूर्व कांग्रेस सांसद और क्रिकेट प्रशासक थे। अप्रैल 2012 में उनका निधन हो गया था।