जानिए केरल विमान हादसे की क्या हो सकती है वजह?, 20 लोगो की हुई मौत

केरल में कोझिकोड एयरपोर्ट पर शुक्रवार को एयर इंडिया का विमान रनवे पर फिसल गया और खाई में गिर गया। खाई में गिरने के बाद विमान दो हिस्सों में टूट गया। वंदे भारत मिशन के तहत यह विमान दुबई से आ रहा था, जिसमें 190 लोग सवार थे। वहीं प्लेन हादसे में दोनों पायलट समेत अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक ने मृतकों और घायलों के प्रति अपना दुख प्रकट किया है। यहां के टेबल टॉप एयरपोर्ट को हादसे की बड़ी वजह माना गया क्योंकि बारिश के दौरान ऐसे एयरपोर्ट पर लैंडिंग हमेशा खतरनाक रहती है।

जानिए इस हादसे की क्या वजह हो सकती है...

- क्या टेबल टॉप एयरपोर्ट की वजह से हादसा हुआ?

कोझीकोड (Kozhikode) एक टेबल टॉप एयरपोर्ट है। केरल के 4 एयरपोर्ट्स में कोझीकोड में सबसे छोटा रनवे है। टेबल टॉप यानी ऐसा एयरपोर्ट, जो पहाड़ी इलाके में बना है और जहां रनवे का एक सिरा या दोनों सिरे ढलान पर होते हैं। ऐसे एयरपोर्ट पर खराब मौसम के दौरान हादसे का खतरा रहता है। ऐसे एयरपोर्ट पर जब बारिश के दौरान लैंडिंग होती है तो रनवे पर जमा पानी और पहले लैंड हो चुके विमानों के टायर के रबर डिपॉजिट्स की वजह से प्लेन के रनवे से फिसल जाने का खतरा रहता है। इसे एक्वाप्लेनिंग भी कहते हैं।

- क्या यहां रबर डिपॉजिट्स की दिक्कत थी?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डायरेक्टोरेट ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए ने जुलाई 2019 में कोझीकोड एयरपोर्ट (Kozhikode Airport) का ऑडिट किया था। इसमें डीजीसीए ने कहा था कि यहां रनवे पर बहुत ज्यादा रबर डिपॉजिट रहता है। इससे फ्रिक्शन कम हो जाता है और भारी बारिश होने पर यहां अनसेफ लैंडिंग का खतरा बना रहता है। बताया जाता है कि तब रनवे पर डेढ़-डेढ़ मीटर तक पानी जमा होने या दरारें होने की बात सामने आई थी।

- क्या एयरपोर्ट अथॉरिटी ने डीजीसीए के ऑडिट के बाद कदम नहीं उठाए थे?

डीजीसीए के ऑडिट के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 5।5 करोड़ रुपए की लागत से रबर डिपॉजिट हटाने वाले व्हीकल्स खरीदे। रनवे के स्लोप्स में भी सुधार किया और ड्रेनेज सिस्टम मजबूत किया गया। यह साफ नहीं है कि इस बार मानसून से पहले यहां किस तरह का रेस्टोरेशन किया गया था?

12 साल में यहां पांचवां हादसा

- 7 नवंबर 2008 को जेद्दाह से लौट रहे एयर इंडिया के प्लेन का एक विंग लैंडिंग के दौरान टूट गया। रनवे को भी नुकसान पहुंचा। सभी यात्री सुरक्षित थे।

- 9 जुलाई 2012 को एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग रनवे पर फिसल गया। प्लेन के लैंडिंग गियर रनवे पर लगी लाइटों से टकरा गए। सभी यात्री सुरक्षित थे।

- 25 अप्रैल 2017 को कोझीकोड एयरपोर्ट से टेकऑफ के दौरान एयर इंडिया का इंजन फेल हो गया और एक टायर फट गया। टेक ऑफ को अचानक रोकना पड़ा।

- 4 अगस्त 2017 को स्पाइसजेट का प्लेन लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसल गया।

- 7 अगस्त 2020 को दुबई से लौट रहे प्लेन की क्रैश लैंडिंग हो गई। 18 यात्रियों की मौत हो गई।

13 साल पुराना है केरल में दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 737-800 विमान

बता दे, जिस विमान में यह हादसा हुआ वे VT-AXH के रूप में पंजीकृत है। यह विमान 13.7 साल पुराना है। नवंबर 2006 में यह एयर इंडिया एक्सप्रेस को दिया गया था। बता दें कि जुलाई महीने में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) द्वारा सभी बोइंग 737 विमान में तकनीकी खराबी का अंदेशा जताया गया था। इसके बाद डीजीसीए (DGCA) ने इसकी जांच के निर्देश भी दिए थे। विशेषज्ञों के अनुसार अधिक समय तक सेवा लेने के कारण विमानों में कई प्रकार की तकनीकी समस्याएं आने लगती हैं और इस वजह से भी कई बार विमान हादसे का शिकार हो जाता है।