कोलकाता बलात्कार-हत्या मामला: संजय रॉय एकमात्र आरोपी है, किसी और की संलिप्तता नहीं पाई गई

कोलकाता। कोलकाता रेप और हत्या मामले में ताजा घटनाक्रम में सीबीआई की जांच आरोपी संजय रॉय पर आकर अटक गई है। सूत्रों का कहना है कि छह दिनों की जांच में सीबीआई को संजय रॉय के अलावा किसी अन्य आरोपी की संलिप्तता नहीं मिली है।

सबसे दिल दहला देने वाले अपराधों में से एक में, संजय रॉय मुख्य आरोपी है, जिसे सेमिनल हॉल के सीसीटीवी फुटेज के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें अपराध के समय उसे आते-जाते हुए देखा जा सकता था। गिरफ्तारी के बाद, रॉय ने कोलकाता पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया।

हालांकि, सीबीआई को संजय रॉय के बयान पर संदेह है। इसलिए, उन्होंने सच्चाई और उसकी मानसिक स्थिति जानने के लिए मनोविज्ञान परीक्षण करवाया। सीबीआई आज भी रॉय का मनोविज्ञान परीक्षण करवा रही है। सीएसएफएल के पांच विशेषज्ञ परीक्षण कर रहे हैं और रॉय से घटना की रात के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।

पूर्व प्राचार्य से पूछताछ का चौथा दिन

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से भी सीबीआई पूछताछ कर रही है। उन्हें 16 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसका आज चौथा दिन है। घोष ने अंदर जाने के बाद हस्ताक्षर किए और कहा कि वह लड़की उनकी बेटी जैसी है। हालांकि, बाद में कोलकाता हाईकोर्ट ने उन्हें और राज्य सरकार को फटकार लगाई क्योंकि 24 घंटे के भीतर ही वह कोलकाता मेडिकल कॉलेज में दाखिल हो गए। सीबीआई ने तीसरे दिन संदीप घोष से 10 घंटे तक पूछताछ की। अब तक संदीप घोष से 36 घंटे तक पूछताछ हो चुकी है। सीबीआई ने संदीप घोष की कॉल डिटेल और चैट की भी जांच की।

सीबीआई ने 3डी मैपिंग की

सीबीआई ने अब तक मामले में 20 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। इसमें जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। इस बीच, सीबीआई ने घटनास्थल की 3डी मैपिंग भी की। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज के आसपास धारा 163 लागू कर दी गई है। 24 अगस्त तक कॉलेज के आसपास विरोध-प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।

एम्स के डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर दे रहे ओपीडी सेवा

यह ध्यान देने वाली बात है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है। इस बीच, मेडिकल बिरादरी ने आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी कामों को स्थगित करके देशव्यापी हड़ताल कर दी है। एम्स और दिल्ली के अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखने और स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर करीब 36 विभागों की ओपीडी सेवाएं देने का आह्वान किया है। वे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से जुड़े नए अध्यादेश की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और मामले की सुनवाई करेगा।