शुक्रवार को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में दाऊदी बोहरा समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान को बोहरा धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल मौला की ओर से एक-एक लिफाफा दिया गया था। उन्हें शाल उढ़ाते हुए पवित्र माला भी दी गई। लेकिन पूरे दिन केवल उस लिफाफे की चर्चा होती रही कि आखिर उसमें क्या था?
मध्यप्रदेश सरकार ने देर रात उन लिफाफों का राज खोल दिया। सरकार की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री को दिए गए लिफाफे में 2 करोड़ रुपये का चेक था। जो कि प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए दिया गया। इसके साथ ही सीएम शिवराज को भी प्रदेश के राहत कोष के लिए 51 लाख रुपये का चेक दिया गया था।दोनों ने की एक दूसरे की प्रशंसा- पीएम मोदी और सैयदना ने एक दूसरे की खूब प्रशंसा की। सैयदना ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे अभियानों की तारीफ की।
- वहीं पीएम ने भी बोहरा समाज की प्रशंसा करते हुए उसे देश की ताकत बताया। उन्होंने शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य की दिशा में किए जा रहे कामों की खुलकर प्रशंसा की।
- पीएम ने देश के सबसे साफ शहर इंदौर को स्वच्छता का लीडर बताया।
- पीएम मोदी ने कार्यक्रम में करीब आधे घंटे तक भाषण दिया। उन्होंने इस दौरान जीएसटी, स्वच्छता, आयुष्मान योजना, बोहरा समाज के योगदान, महात्मा गांधी, देश के अतीत, भविष्य और सांस्कृतिक विरासत के बारे में कहा। लेकिन वह अपने भाषण में सबसे ज्यादा स्वच्छता पर बोले।
क्या हैं मायने- अब तक देश का कोई प्रधानमंत्री बोहरा समाज के अशरा मुबारक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ था। यह कार्यक्रम बुधवार 12 सितंबर से शुरू होकर नौ दिन चलेगा।
- मध्य प्रदेश में बोहरा समाज की आबादी करीब 4.5 लाख और देश में करीब 20 लाख है। दो महीने बाद चार राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इस लिहाज से मोदी के दौरे के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
कहा जा रहा है, बोहरा समाज के बहाने पीएम ने मुसलमानों को संदेश देने की कोशिश की है कि समावेशी राजनीति उनका एजेंडा है।