जानिये क्या है Vote on Account Budget, जिसे पेश करेंगी वित्त मंत्री सीतारमण

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक फरवरी 2024 को पेश किए जाने वाले बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी। ऐसा अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए होगा। चुनावी साल में केंद्र सरकार सदन में लेखानुदान मांगें पेश करती है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि यह सच है कि एक फरवरी 2024 को जो बजट घोषित किया जाएगा वह सिर्फ ‘वोट ऑन अकाउंट’ होगा क्योंकि हम चुनाव की तैयारी में होंगे। इसलिए सरकार जो बजट पेश करेगी वह सिर्फ तब तक के लिए सरकारी खर्चों को पूरा करने के वास्ते होगा जब तक कोई नई सरकार नहीं बन जाती।

जब से सोशल मीडिया पर सीतारमण का यह बयान वायरल हुआ है तब से लोग पूछ रहे हैं कि यह वोट ऑन अकाउंट बजट क्या होता है। अब तक अन्तरिम बजट तो सुना और देखा था लेकिन यह वोट ऑन अकाउंट बजट। इस शब्द को इससे पहले 2019 में भी सुना गया था जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावों से पहले बजट पेश किया था।

Vote on Account का मतलब है सरकार सिर्फ देश के लिए संसद से अति आवश्यक खर्च की इजाजत लेती है। वह कोई भी सार्वजनिक उपयोग के लिए धन नहीं ले सकती है। कोई कार्य जनहित का भी नहीं कर सकती है। इस बजट में सरकार को सरकार चलाने और चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने का खर्च मिलता है। जून में सरकार का गठन होगा उसके बाद जुलाई में नए सिरे से 7 महीने का बजट घोषित होगा।

दोनों में होता है तकनीकी अन्तर

अन्तरिम बजट और वोट ऑन अकाउंट बजट दोनों में सिर्फ एक ही समानता होती है वह यह कि दोनों कुछ ही समय के लिए लिए जाते हैं। अंतरिम बजट में केंद्र सरकार खर्च के अलावा आमदनी को लेकर भी ब्यौरा पेश करती है, जबकि वोट ऑन अकाउंट में सिर्फ खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगी जाती है। हालांकि दोनों को पेश करने का तकनीकी तरीका अलग-अलग होता है।

आम परंपरा के मुताबिक, जिस साल लोकसभा चुनाव होने होते हैं, केंद्र सरकार पूरे वित्त वर्ष की बजाए कुछ महीनों तक के लिए ही बजट पेश करती है। चुनाव खत्म होने के बाद नई गठित सरकार पूर्ण बजट (Full Budget) पेश करती है। हालांकि, अंतरिम बजट ही पेश करने की बाध्यता नहीं होती है। इस बार ऐसा ही होने वाला है। साल 2024 में चुनाव है, इसीलिए वोट ऑन अकाउंट बजट पेश होगा।

इससे पहले साल 2019 में भी ऐसा ही हुआ था। उसके बाद मोदी सरकार के एक बार फिर नई सरकार के तौर पर आने के बाद जुलाई को फुल बजट या आम बजट पेश किया गया था।