जानें, क्यों उठता है तूफान, बरतें ये सावधानी

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार 7 मई और 8 मई को हरियाणा सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में तेज तूफान और बारिश आने की आशंका बनी हुई है। जिसके कारण मौसम विभाग ने देश के करीब एक दर्जन राज्यों में आंधी-तूफान का अलर्ट जारी किया है। एकसाथ इतने बड़े पैमाने पर संभवत: पहली बार चेतावनी जारी की गई है। इतना ही नहीं मौसम विभाग ने सावधानी बरतने के साथ इमरजेंसी सेवाओं को भी अलर्ट पर रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सबसे बड़ा कारण वातावरण से लगातार जारी खिलवाड़ है, जिसके चलते प्राकृतिक आपदाएं आती हैं और तबाही मचाती हैं।

क्यों उठता है तूफान

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडी हवाओं के तूफान का रूप लेने के पीछे वजह ‘डाउनबस्र्ट’ है। यानी हवा चलने के दौरान नीचे ओर दबाव बढ़ता है और जब वह जमीन से टकराती है तो बाहर की तरफ धक्का मारती है, जिससे तेज हवाएं तूफान में बदल जाती हैं। जो डाउनबस्र्ट ढाई मील से छोटे होते हैं, उन्हें ‘माइक्रोबस्र्ट’ कहते हैं।

आंधी का कारण

जिस क्षेत्र में वायुमंडलीय दबाव कम होता है, वहां आंधी का माहौल बनता है। जब दबाव सीमा से ज्यादा हो जाता है तो ठंडी हवा जमीन की तरफ आती है और वही हवा तेजी से ऊपर की तरफ उठती है। हवा की रफ्तार जब ज्यादा हो जाती है तो वो आंधी का रूप ले लेता है।

सबसे खतरनाक तूफान

- भोला साइक्लोन : 8 नवंबर 1970 को बंगाल की खाड़ी से शुरू हुए इस तूफान ने 12 नवंबर को पूर्वी पाकिस्तान में कहर बरपाया। इसमें करीब 5 लाख लोगों की मौत हो गई थी।

- हुगली रिवर तूफान : वर्ष 1737 में कलकत्ता और बांग्लादेश में इसकी तबाही से करीब तीन लाख लोग मारे गए थे। बंदरगाहों पर खड़े 20 हजार जहाज बर्बाद हो गए थे।

- हैपोंग तूफान : वर्ष 1881 में वियतनाम में आए हैपोंग तूफान ने करीब 3 लाख लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया।

- र्कोंरगा तूफान : आंध्र प्रदेश के र्कोंरगा में 25 नवंबर 1839 को आए इस च्रकवाती तूफान ने करीब 3 लाख लोगों की जिंदगी ले ली और 25 हजार जहाजों को बर्बाद किया।

- बैकरगंज तूफान : एक नवंबर 1876 को बैकरगंज में आए तूफान में 2 लाख लोग मारे गए।

सावधानी बरतें

- यदि बहुत जरूरी हो तो ही यात्रा करें, आंधी आने पर गाड़ी को किसी सुरक्षित जगह पर खड़ी कर लें

- तूफान में फंसने पर सबसे पहले किसी छत की तलाश करें। घर के अंदर हैं तो खिड़कियों से दूर रहें

- बाहर हैं तो ऐसी जगह खड़े हों जहां आसपास लंबे पेड़, दीवार, बिजली का खंभा या धातु के उपकरण न हों

- गाड़ी के अंदर रेडियो न चलाएं। रेडियो चलाने से आप आसमानी बिजली की चपेट में आ सकते हैं

- खिड़कियां और दरवाजे अच्छी तरह बंद करने के बाद इनके आसपास कोई भारी सामान रख दीजिए