टारगेट को आवाज की रफ्तार से दोगुना तेजी से निशाना बना सकती है 'रूद्रम' एंटी रेडिएशन मिसाइल, जाने इसकी और खासियत

भारत ने शुक्रवार को पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परिक्षण किया गया। इस मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इंडियन एयरफोर्स के लिए तैयार किया है। यह आधुनिक तकनीकों से लैस है। दुश्मन के रडार और सर्विलांस सिस्टम को चकमा दे सकती है। यह टारगेट को आवाज की रफ्तार से दोगुना तेजी से निशाना बना सकती है। मिसाइल को ओडिशा के बालासोर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से सुबह 10:30 बजे सुखोई-30 फाइटर जेट के जरिए छोड़ा गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया- 'न्यू जेनरेशन एंटी रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम-1) का आज बालासोर के आईटीआर से सफल परीक्षण किया गया। डीआरडीओ और इसे तैयार करने में लगे दूसरे भागीदारों को इस अहम उपलब्धि के लिए बधाई।'

क्या है खासियत?

- यह ऐसी स्वदेशी पहली मिसाइल है, जो किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है। साथ ही मिसाइलें नष्ट कर सकती है।

- यह रेडियो फ्रीक्वेंसी छोड़ने या रिसीव करने वाले किसी भी टारगेट को निशाना बना सकती है।
- लॉन्‍च स्‍पीड 0.6 से 2 मैक यानी 2469.6 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्‍यादा है।

- इसकी रेंज इस बात पर निर्भर करती है कि फाइटर जेट कितनी ऊंचाई पर है। इसे 500 मीटर से लेकर 15 किलोमीटर की ऊंचाई से लॉन्‍च किया जा सकता है। इस दौरान यह मिसाइल 250 किलोमीटर के दायरे में मौजूद हर टारगेट को निशाना बना सकती है।

- अगर दुश्‍मन ने रडार सिस्‍टम को शटडाउन कर दिया है, तो भी रुद्रम उसे निशाना बनाएगी।

- सीड ऑपरेशंस यानी Suppression of Enemy Air Defence को अंजाम दे सकती है। इस ऑपरेशन के तहत दुश्‍मन के एयर डिफेंस सिस्‍टम को पूरी तरह से नष्‍ट कर दिया जाता है।

- यह लॉन्चिंग से पहले और उसके बाद भी टारगेट को लॉक कर सकती है। टेस्ट में इसके सभी रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम पर नजर रखी गई। इसकी सभी तकनीकों का प्रदर्शन अच्छा रहा।

बता दे, फिलहाल इसका ट्रायल वायुसेना के लिए किया जा रहा है लेकिन आने वाले समय में ये तीनों सेनाओं के लिए सुनिश्चित की जा सकेगी। फिलहाल इसका सफल ट्रायल सुखोई 30 एमकेआई से किया गया है लेकिन बाद में इसको मिराज 2000, जगुआर, तेजस से भी लॉन्‍च किया जा सकेगा। इस मिसाइल की तीन श्रेणी हैं जिनमें रूद्रम-1, रूद्रम-2 और रूद्रम 3 शामिल हैं।

भारत के अलावा इस तरह की मिसाइल अमेरिका के पास भी है। अमेरिका की AGM-88 HARM एक जमीन से हवा में मार करने वाली एंटी रेडिएशन मिसाइल है। इसी तरह की एंटी रेडिएशन मिसाइल ब्रिटेन के पास ALARM (Air Launched Anti-Radiation Missile) नाम से है। इस मिसाइल का उपयोग रॉयल सऊदी एयरफोर्स भी करती है। हालांकि ब्रिटेन ने इस मिसाइल को वर्ष 2013 के अंत में रिटायर कर दिया था। रूस ने इस तरह की मिसाइल को Kh-58 नाम दिया है। नाटो में इसका नाम किल्‍टर है। ईरान की हॉरमूज-2 को भी एंटी रेडिएशन मिसाइल कहा जाता है।