Dhanteras Special: सोना खरीदने और बेचने से पहले जान लें कितना देना पड़ सकता है आपको टैक्स

धनतेरस ( Dhanteras 2018 ) और दिवाली ( Diwali ) पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। कुछ लोग धनतेरस पर आभूषण तो कुछ लोग लक्ष्मी-गणेश भगवान की तस्वीरों वाले सोने व चांदी के बिस्कुट और सिक्के खरीदते हैं। दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश वाले सिक्कों या बिस्कुट की पूजा की जाती है। अगर आप भी इस मौके पर सोना खरीदने जा रहे हैं तो ये टैक्स के नियम जान लें। क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह तो पता होता है कि सोना खरीदते और बेचते समय हमें कितना टैक्स चुकाना पड़ सकता है

सोना खरीदने पर ऐसे लगता है टैक्स: कैश या डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए सोना खरीदा जा सकता है। जीएसटी लागू होने के बाद सोना खरीदने पर ग्राहक को जूलरी के मूल्य पर 3 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है। इसमें मेकिंग चार्ज शामिल हैं।

सोना बेचने पर टैक्स: सोना बेचने पर लगने वाला टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इसे कितने समय तक अपने पास रखा है। इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के आधार पर टैक्स लगेगा।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी): अगर आप जूलरी खरीदने के 36 महीने के अंदर उसे बेच देते हैं तो इसके बढ़े मूल्य पर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा। आपको हुआ फायदा आपकी कुल आय में जोड़ दिया जाएगा। फिर, आप जिस टैक्स-स्लैब में आते हैं, उसके हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी): अगर सोना खरीदकर आपने उसे तीन साल से ज्यादा अवधि तक रखा है तो आपको इसके बढ़े हुए मूल्य पर लॉन्ग कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा। वित्त वर्ष 2017-18 तक सोने की खरीद मूल्य पर इंडेक्सेशन लागू करने के बाद 20।6 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस लगता था। वित्त वर्ष 2018-19 से गेंस पर 20।8 फीसदी की दर से टैक्स लगता है।