सिर्फ दो मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली की सड़कों पर उतर आए हैं। शीतकालीन सत्र के ठीक पहले संसद तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए हजारों किसानों ने शुक्रवार मेगा रैली कर रहे हैं। 'किसान मुक्ति मार्च' के बैनर तले हजारों किसान रामलीला मैदान से संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें संसद भवन की ओर जाने से रोक दिया। संसद के आसपास करीब 3500 पुलिसकर्मी तैनात हैं। किसानों को वापस लौटने के लिए कहा जा रहा है। इसके पहले सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए तमिलनाडु के किसान एक बार फिर अपना पुराना तरीका अपनाते हुए नर खोपड़ी के साथ आंदोलन में शामिल हुए हैं। नर खोपड़ी के साथ ही तमिलनाडु के किसानों ने अर्ध नग्न होकर केंद्र सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया है।
बता दें इससे पहले अक्टूबर 2017 में भी तमिलनाडु के किसान इसी तरह से सरकार के प्रति विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। तमिलनाडु के किसानों की मानें तो यह उन किसानों की खोपड़ी है जो फसलों के खराब होने और बढ़ते कर्ज के चलते आत्महत्या कर अपनी जान दे चुके हैं। तमिलनाडु के किसान इस दौरान हरे झंडों और हरे रंग के ही कपड़ों में नजर आए। वहीं आंदोलन में शामिल हुए किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार उनकी मागों पर ध्यान नहीं देती है तो आंदोलन उग्र रूप ले सकता है। इसके साथ ही वे आगामी चुनावों में सरकार को इसका जमकर सबक सिखाएंगे।
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और किसान मार्च में शामिल हो रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि आज देश के अलग-अलग हिस्सों से 201 से अधिक संगठन एक साथ आए हैं। किसानों की कई मांगें हैं जिन्हें पूरा करने की जरूरत हैं।
किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर मधुर वर्मा ने कहा, 'हमने अलग-अलग किसान नेताओं से बात की। उन्हें कुछ शर्तों के साथ रामलीला मैदान से जंतर मंतर तक रैली की इजाजत दी गई थी। इसके आगे उन्हें नहीं बढ़ने दिया जा सकता... उम्मीद है कि किसान शर्तों के मुताबिक प्रदर्शन करेंगे।'
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चीफ शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद पवार समेत कई नेता शामिल हो सकते हैं।